विपत्ति और आपदा के समय में भी स्थिर और साहसी होना अत्यावश्यक है. मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि परेशानी की अवस्था में हमारा भयभीत होना अपराधी को और सशक्त बनाता है. हैदराबाद के बाहरी इलाके में एक युवती के साथ बलात्कार और निर्मम हत्या की हालिया घटना से पता चलता है कि अपराधियों ने अपराध की पहले से सावधानीपूर्वक साजिश रची थी.
खतरे को भांपने के बावजूद समय पर कार्रवाई करने में महिला की अक्षमता कुकर्मियों के लिए फायदेमंद साबित हुई. उसने उन पर भरोसा किया जब उन्होंने उससे कहा कि वे उसकी पंचर बाइक की मरम्मत कर देंगे. मनोचिकित्सक कल्याण चक्रवर्ती ऐसी स्थितियों में महिलाओं को सतर्क रहने की सलाह देते हैं. उन्होंने कुछ सुझाव दिए हैं जो ऐसी डरावनी परिस्थितियों में महिलाओं के लिए मददगार साबित हो सकते हैं.
यदि कोई अजनबी सुनसान इलाकों में आपकी मदद करने के लिए जरुरत से ज्यादा तत्परता दिखाता/ दिखाती है तो आपको तुरंत सतर्क हो जाना चाहिए. यदि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी का अंदेशा होता है, तो अपने आसपास के वातावरण का त्वरित मानसिक उल्लेख करना चाहिए और उस क्षेत्र से भाग निकलने के उपाय खोजने चाहिए.
नाम और पते जैसी निजी जानकारी का पता लगाने की कोशिश करने वाले लोगों पर नजर रखनी चाहिए. 100 में से 99 लोग वास्तव में आपकी मदद करना चाहते हैं, लेकिन बचा हुआ एक व्यक्ति अपराधी हो सकता है.
इसपर ध्यान देने की जरुरत है कि बातचीत करने वाला व्यक्ति नशे में तो नहीं है यदि है, तो ऐसे लोगों से जल्दी दूरी बना लेनी चाहिए.