नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने सोमवार को केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के उस बयान की 'कड़ी निंदा' की, जिसमें उन्होंने सुलतानपुर के मुसलमानों से कहा था कि अगर वे चाहते हैं कि वह उनका काम करें तो मुसलमानों को उन्हें (मेनका को) वोट देना होगा.
आयोग ने कहा कि 'जाति और सांप्रदायिक भावनाओं के आधार पर वोट मांगने वाले' उनके बयान ने आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन किया है. आयोग ने कहा कि यह बयान 'रिश्वत' देने से जुड़ी धारा का भी उल्लंघन करता है. आयोग ने मेनका को भविष्य में इस तरह की बात नहीं दोहराने को लेकर चेतावनी दी.
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इससे पहले 15 अप्रैल को चुनाव आयोग ने मेनका गांधी पर 48 घंटों तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी थी.
तुरब खानी गांव में एक चुनावी रैली के दौरान मेनका ने कहा था कि उन्हें यह बिल्कुल पसंद नहीं आएगा अगर वह मुस्लिम वोट के बिना जीतेगीं. उन्होंने कहा था कि अगर मुस्लिम वोट नहीं मिलने पर भी उन्हें जीत हासिल होती है तो वह समुदाय के लोगों के काम नहीं करेंगी.
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आदेश की कॉपी. भाषण का तीन मिनट का यह भाग सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. 'सांप्रदायिक टिप्पणी' की व्यापक आलोचना हुई. कांग्रेस ने इसे 'अपमानजनक' बताया था.
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हालांकि, मेनका ने कहा था कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया है.
2014 में उनके बेटे वरुण गांधी द्वारा जीती गई सुलतानपुर सीट से वह चुनाव लड़ रही हैं. वहीं वरुण 2014 में उनकी मां द्वारा जीती गई पीलीभीत सीट से मैदान में हैं.