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बिहार : चुनाव आयोग ने मतगणना में गड़बड़ी के आरोपों को किया खारिज - बिहार विधानसभा चुनाव

आरजेडी के बिहार विधानसभा चुनाव की मतगणना में कथित गड़बड़ी के आरोपों को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है. आयोग ने साफ किया कि वह किसी भी दबाव में नहीं है और महामारी की परिस्थितियों के कारण नतीजे देर से आना स्वभाविक है.

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चुनाव आयोग

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Published : Nov 11, 2020, 2:13 AM IST

Updated : Nov 11, 2020, 5:21 AM IST

नई दिल्ली:बिहार में कुछ विधानसभा सीटों पर मतगणना में कथित गड़बड़ी के कांग्रेस और आरजेडी के आरोपों की पृष्ठभूमि में निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को कहा कि वह कभी भी किसी के दबाव में नहीं रहा है.

आयोग के महासचिव उमेश सिन्हा ने यह भी कहा कि मतगणना में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि आयोग पूरी तरह से मुस्तैद है और मतगणना सही ढंग से हो रही है. आयोग कभी भी किसी के दबाव में नहीं रहा है. जो प्रक्रियाएं हैं, उनका पालन हो रहा है. इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद नतीजों की घोषणा की जाएगी.

सिन्हा ने कहा कि जिन सीटों पर हार और जीत का अंतर खारिज किए गए डाक मत पत्रों से कम है वहां पुन: सत्यापन किया जाएगा.

इससे पहले कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने पटना में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात कर कुछ सीटों पर उनके उम्मीदवारों को हराए जाने का आरोप लगाया और कुछ सीटों पर फिर से मतगणना की मांग की.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कुछ सीटों का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि यह न प्रजातंत्र की परिपाटी है और न ही कानूनी तौर से सही है. चुनाव आयोग कहां है?

आयोग के अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न सरकारी सेवाओं से जुड़े लोगों से 1.6 लाख मतपत्र इलेक्ट्रानिक रूप से स्थानांतरित किए गए थे. करीब 52,000 डाक-पत्रों का इस्तेमाल 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और दिव्यांगजनों ने किया.

अधिकारियों ने इन आरोपों को खारिज कर दिया कि डाक-पत्रों की गणना को बीच में ही रोक दिया गया.

कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम के पालन के लिए आयोग ने 2015 विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ा दी थी. इससे पहले, 2015 चुनाव में करीब 65,000 मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे, जिन्हें बढ़ाकर इस बार 1.06 लाख कर दिया गया था. इसके चलते इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) भी अधिक इस्तेमाल करनी पड़ीं.

विपक्ष अपनी हार स्वीकार करे: रविशंकर प्रसाद

वहीं, केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरजेडी के आरोप पर कहा कि उनका विपक्ष के अपने दोस्तों से केवल एक अनुरोध करना है कि जिस तरह हम अपनी जीत का सम्मान करते हैं, उसी तरह विपक्षी भी अपनी हार स्वीकार करे. यही लोकतंत्र का सार है.

साथ ही उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक दिन है कि एनडीए ने बिहार के लोगों के असाधारण विश्वास को फिर से जीत लिया है. बिहार की जनता ने पीएम मोदी के नेतृत्व पर भरोसा किया. पीएम की प्रतिबद्धता थी कि बिहार के विकास के बिना भारत का विकास अधूरा रहेगा.

बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि आरजेडी विधानसभा चुनावों में अपनी हार स्वीकार नहीं कर पा रही है, इसलिए अब ये हार के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को दोषी ठहराएंगे.

उन्होंने कहा कि आरजेडी ने कोरोना के बहाने चुनावों का विरोध किया था, लेकिन जब राहुल गांधी ने ईवीएम को मोदी वोटिंग मशीन कहा था तो मुझे यकीन था कि आरजेडी भी अपनी हार के लिए ईवीएम को दोषी ठहराएगी.

वहीं, बिहार भाजपा प्रभारी भूपिंदर यादव ने भी आरजेडी पर कटाक्ष किया और उनके आचरण को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ करार दिया.

उन्होंने कहा कि मैं विशेष रूप से बिहार की महिला मतदाताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. आरजेडी का आचरण लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप नहीं है.

Last Updated : Nov 11, 2020, 5:21 AM IST

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