नई दिल्ली :आरडीओ के वैज्ञानिकों ने एक लंबे अध्ययन के बाद ल्यूकोस्किन दवा तैयार की थी. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने सफेद दाग की प्रभावी दवा समेत कई हर्बल उत्पाद तैयार करने वाले अपने वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हेमन्त कुमार पांडेय को 'साइंटिस्ट ईयर आफ द अवार्ड' से सम्मानित किया है.
डीआरडीओ भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वरिष्ठ वैज्ञानिक पांडेय को यह सम्मान प्रदान किया. उन्हें पुरस्कार स्वरूप दो लाख रुपये की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया.
पांडेय डीआरडीओ की पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) स्थिति प्रयोगशाला-रक्षा जैव ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (डीआईबीईआर) में वरिष्ठ वैज्ञानिक पद पर तैनात हैं. वह पिछले 25 सालों से हिमालय क्षेत्र की जड़ी-बूटियों पर शोध कर रहे हैं. वैसे तो वह छह दवाओं एवं हर्बल उत्पादों की खोज कर चुके हैं लेकिन, उनकी सबसे बड़ी खोज सफेद दाग यानी ल्यूकोडर्मा की दवा ल्यूकोस्किन की खोज करना है.
हिमालयी जड़ी-बूटियों से तैयार यह दवा सफेद दाग की समस्या का प्रभावी निदान करती है. इस तकनीक को कुछ साल पहले नई दिल्ली की एमिल फार्मास्युटिकल को हस्तांतरित किया गया था. मौजूदा समय में यह ल्यूकोस्किन एक प्रभावी दवा के रूप में अपनी पहचान बना चुकी है.