इंदौर/भोपाल :पूर्व राज्य मंत्री और साधु संत समाज के प्रदेश अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा के आश्रम पर बड़ी कार्रवाई की गई है. कंप्यूटर बाबा के गोमटगिरी स्थित आश्रम पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जिला प्रशासन ने नगर निगम के साथ मिलकर की है. बाबा पर 46 एकड़ गौशाला की जमीन पर कब्जे का आरोप है. कार्रवाई का विरोध करने पर पुलिस ने कम्प्यूटर बाबा और उनके समर्थकों सहित सात लोगों को गिरफ्तार कर इंदौर के सेंट्रल जेल भेज दिया है. अवैध निर्माण पर अतिक्रमण की कार्रवाई करने के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल और निगम के अधिकारी मौजूद रहे. इस कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.
2 महीने पहले दिया था नोटिस
अधिकारियों ने बताया कि 2 महीने पहले ही कंप्यूटर बाबा को नगर निगम ने नोटिस जारी किया था. उसी नोटिस पर आज इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए कंप्यूटर बाबा के आश्रम गोमटगिरी पर बने अवैध अतिक्रमण को नेस्तनाबूद कर दिया. कार्रवाई के दौरान कंप्यूटर बाबा अपने शिष्यों के साथ आश्रम पर ही मौजूद थे. किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो, इसलिए पुलिस प्रशासन ने कंप्यूटर बाबा सहित उनके अन्य शिष्यों को गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया था. फिलहाल पुलिस अधिकारी भी अभी पूरे मामले में कंप्यूटर बाबा की गिरफ्तारी की अधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहे हैं.
आश्रम से सामान के साथ बंदूक जब्त
कंप्यूटर बाबा ने यहां 2 एकड़ शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा करके आश्रम, शेड और पक्के निर्माण कर लिए थे. यहां एयर कंडीशन कमरे, सोफे और आधुनिक सुख-सुविधा का सामान जुटा रखा था. वहीं कार्रवाई के दौरान कंप्यूटर बाबा के आश्रम से सामान के साथ एक बंदूक भी पुलिस ने जब्त की है. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच की बात कह रही है.
चार हिस्सों में बंटी है गोमटगिरी टेकरी की जमीन
कंप्यूटर बाबा के जिस आश्रम पर प्रशासन ने कार्रवाई की है. वह जंबूरी हप्सी पंचायत में आता है. वहीं पंचायत से जिला प्रशासन ने कार्रवाई करने की अनुमति ली थी. इसी के साथ गोमटगिरी आश्रम जहां पर कंप्यूटर बाबा का आश्रम मौजूद है, उसके एक किलोमीटर के दायरे में पिछले दिनों बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने हनुमान जी की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया था. वहां पर भी आश्रम के साथ अन्य तरह का निर्माण करवाया गया है. जिस गोमटगिरी टेकरी पर कंप्यूटर बाबा का आश्रम बना हुआ है, उसे चार हिस्सों में बांटकर कंप्यूटर बाबा को एक टुकड़ा दिया गया था. तीन अन्य टुकड़ा गुर्जर समाज को दिया गया था. जहां उन्होंने धर्मशाला का निर्माण करवाया. वहीं एक टुकड़ा जैन समाज को दिया गया, जहां पर जैन समाज का एक धार्मिक स्थल बना हुआ है. वहीं चौथा हिस्सा कमल किशोर नागर को दिया गया है, जहां पर गौशाला का निर्माण किया गया है.