कोलकाताः पश्चिम बंगाल में भाजपा की बढ़त से निपटने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने नई रणनीति बनाई है.माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' का मुकाबला करने के लिए 'दीदी के बोलो' शुरू किया गया है.
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने गुरुवार को बताया कि 'ममता बनर्जी ने एक नया विचार 'दीदी के बोलो' (दीदी को बताओ) को अपनाया है. हमें हर मिनट अलग-अलग जगहों से हजारों कॉल आ रहे हैं. हमारे नेताओं को गांवों में जाकर लोगों से बात करने के लिए कहा गया है. हमें उम्मीद है कि हम और मजबूती के साथ वापस आएंगे.'
बंदोपाध्याय ने आगे कहा कि, 'यह सच है कि पिछले आम चुनाव में हम अति आत्मविश्वास में थे. हमें यह समझने की जरूरत है कि लोग क्या चाहते हैं. हम निश्चित रूप से वापसी करेंगे. ममता बनर्जी लोगों के कल्याण के लिए लगातार काम कर रही हैं. उन्होंने संगठन को अपना 50 प्रतिशत समय देने का फैसला किया है.' उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी नेताओं को जनता से जुड़ने के लिए कहा गया है.
कर्नाटक प्रकरण के संदर्भ में बंदोपाध्याय ने कहा कि भाजपा ने पश्चिम बंगाल और ओडिशा पर भी कब्जा करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि, 'अभी तक हम विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि भाजपा को पश्चिम बंगाल में ये सीटें मिली.'
केंद्र सरकार की कार्यशैली की आलोचना करते हुए बंदोपाध्याय ने कहा, 'सदन में किसी को भी बोलने या सरकार के खिलाफ आवाज उठाने की अनुमति नहीं है. यह अच्छे बहुमत का बुरे प्रभाव है.'
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TMC सांसद ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह सदन में एक पार्टी प्रणाली चलाने की कोशिश कर रही है. बिना गहन अध्ययन के विधेयक पारित कर रहे हैं. सरकार किसी को भी विधेयक पर अध्ययन करने की अनुमति नहीं दे रही है. सच तो यह है कि किसी को नहीं पता कि अगला विधेयक कौन सा आएगा. जय श्री राम के संदर्भ में बंदोपाध्याय ने कहा, 'मैं जय श्री राम का जाप करने में संकोच नहीं करता.'
गौरतलब है कि साल 2021 में पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अपनी डूबती नैया संभालने की कोशिश कर रही है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रशांत किशोर के हाथ में अपनी डोर थमाने के बाद TMC को काफी लाभ मिला है.