नई दिल्ली : उत्तरपूर्वी दिल्ली में फरवरी महीने में हुए साम्प्रदायिक हिंसा के मामले में आरोपी आम आदमी पार्टी (आप) के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के दो कर्मचारी उनके खिलाफ मुख्य गवाह बन गए हैं.
दिल्ली पुलिस द्वारा अदालत में दायर आरोप पत्र के मुताबिक, दोनों गवाहों ने 24 फरवरी को दंगे शुरू होने से पहले हुसैन को कई लोगों से 'बेहद गोपनीय' तरीके से बात करते हुए देखा था. गिरीश पाल और राहुल कसाना ने पुलिस को दिए अपने बयानों में कहा कि 24 फरवरी को वे खजूरी खास इलाके में हुसैन के कार्यालय में मौजूद थे.
आरोप पत्र में कहा गया है, 'दोपहर को उन्होंने ताहिर हुसैन के मकान के निचले तले पर कई लोगों को एकत्रित होते देखा और वह बेहद गोपनीय तरीके से उनसे बात कर रहे थे और आरोपी शाह आलम, इरशाद आबिद, अरशद प्रधान, राशिद तथा शादाब अज्ञात लोगों के साथ वहां मौजूद थे.'
आरोप पत्र में कहा गया है कि पुलिस ने इन दोनों को मुख्य गवाह बनाया है. ये दोनों बाहर भीड़ की आवाज सुनकर और कार्यालय में तनाव को भांपते हुए वहां से चले गए थे.
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने पिछले महीने हुसैन और 14 अन्य के खिलाफ मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया था. अदालत अगस्त में आरोप पत्र पर सुनवाई करेगी.