टिहरी : कोरोना वायरस से बचाव के क्रम में लागू देशव्यापी लॉकडाउन से कई लोगों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है उत्तराखंड के टिहरी जिले से. यहां सकलाना पट्टी निवासी कमलेश भट्ट की 16 अप्रैल को दुबई में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी, लेकिन अब तक परिजनों को शव नहीं मिला है.
जानकारी के मुताबिक, सकलाना पट्टी के सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट की 16 अप्रैल को दुबई में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. गुरुवार को कमलेश का शव दुबई से भारत भी भेजा गया था, लेकिन परिजनों को नहीं मिला. शव को लेने के लिए परिजन दिल्ली भी गए थे, लेकिन अधिकारियों ने शव को दुबई वापस भेज दिया है. परिजन निराश होकर घर लौट आए.
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सामाजिक कार्यकर्ता रोशन रतूड़ी के काफी प्रयासों के बाद कमलेश का शव 23 अप्रैल को अबूधाबी एयरपोर्ट से कार्गो विमान के जरिए दिल्ली पहुंचाया गया था. लेकिन देर रात ही भारतीय दूतावास से आदेश आया कि विदेश से आने वाले किसी शव को न लिया जाए. इस वजह से कमलेश का शव परिजनों को नहीं मिला और वापस दुबई भेज दिया गया.
परिजनों को कमलेश के शव के बिना ही लौटना पड़ा. परिजनों ने राज्य और केंद्र सरकार से कमलेश का शव भारत वापस लाने की मांग की है.
बात दें कि जौनपुर ब्लॉक के सेमवाल गांव निवासी कमलेश भट्ट यूएई के अबू धाबी के एक होटल में तीन साल से नौकरी करता था. बीते 16 अप्रैल को उसकी तबीयत खराब होने पर दुबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. समाजसेवी रोशन रतूड़ी ने कमलेश के परिजनों को इस हादसे की सूचना दी. हालांकि कमलेश की मौत के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है.