नई दिल्ली : सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया. हिंदी फ़िल्म जगत के महानायक अमिताभ बच्चन अस्वस्थ होने के कारण सोमवार को राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समारोह में शिरकत करने में असमर्थ रहे थे.
अभिनेता ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए चुनने को लेकर सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के जूरी सदस्यों का धन्यवाद व्यक्त किया.
इस मौके पर बच्चन ने अपने भाषण में कहा, 'भगवान मेरे प्रति दयालु रहे हैं, मेरे माता-पिता का आशीर्वाद मेरे साथ है, उद्योग के फिल्मकारों, निर्माताओं और सह कलाकारों का सहयोग मेरे साथ रहा है. मैं भारतीय दर्शकों के प्रेम और उनसे लगातार मिलने वाले प्रोत्साहन के लिए कृतज्ञ हूं. उनकी वजह से मैं यहां खड़ा हूं. मैं अत्यंत विनम्रता एवं कृतज्ञता के साथ यह पुरस्कार स्वीकार करता हूं.'
हिंदी फिल्म जगत में वर्ष 1969 में 'सात हिंदुस्तानी' फिल्म से अपने करियर की शुरूआत करने वाले बच्चन अपनी पत्नी एवं सांसद जया बच्चन और पुत्र अभिषेक बच्चन के साथ समारोह में शामिल हुए. इस मौके पर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित अन्य लोग भी मौजूद थे.
1969 में शुरू हुए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार का नाम धुंडीराज गोविंद फाल्के के नाम पर रखा गया है जिन्हें भारतीय सिनेमा का जनक कहा जाता है. इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण कमल, एक शॉल और 10,00,000 रुपये नकद प्रदान किए जाते हैं.
2017 में यह पुरस्कार दिवंगत अभिनेता विनोद खन्ना को दिया गया था. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को विजेताओं को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए थे.
परंपरागत रूप से राष्ट्रीय पुरस्कार, विजेताओं को राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है.
साल 2018 का दादा साहब फाल्के सम्मान फिल्म उद्योग में उल्लेखनीय योगदान के लिए हिंदी फ़िल्म जगत के महानायक 77 वर्षीय अमिताभ बच्चन को दिया जाना था, लेकिन बच्चन अस्वस्थ होने के कारण समारोह में शिरकत नहीं कर सके थे.