नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में मिली विफलता के बाद 134 साल पुरानी पार्टी कांग्रेस में बिखराव होता दिखाई दे रहा है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व स्तर पर उथल-पुथल के बीच राज्यों में विधायक और नेता इस पुरानी पार्टी से नाता तोड़ने लगे हैं.
2014 के बाद फिर 2019 में कांग्रेस को बीजेपी से करारी शिकस्त का समाना करना पड़ा है. ऐसे में पार्टी में बिखराव की स्थिति उत्पन्न हो रही है.
पिछले एक महीने से तेलंगाना, कर्नाटक और गोवा में कई कांग्रेस विधायकों ने पार्टी छोड़ी हैं. पार्टी को सबसे बड़ा धक्का कर्नाटक में लगा जहां कांग्रेस के लिए सत्ता गंवाने की नौबत आ चुकी है.
कर्नाटक में राजनीतिक संकट, कांग्रेस के लिए मुसीबत
कर्नाटक में छह जुलाई के बाद कांग्रेस के 79 विधायकों से में 13 विधायक अपना इस्तीफा दे चुके हैं, जिससे प्रदेश में 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार के लिए संकट पैदा हो गया है.
कर्नाटक में कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) गठबंधन की सरकार है.
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद 37 विधायकों वाली पार्टी जेडीएस के साथ मिलकर कांग्रेस ने पिछले साल मई में सरकार बनाई थी.
प्रदेश की 225 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और जेडीएस के साथ-साथ बसपा, क्षेत्रीय पार्टी केपीजेपी व एक निर्दलीय विधायक को मिलाकर गठबंधन सरकार के पास 118 विधायक रहे हैं जोकि बहुमत से सिर्फ पांच अधिक है.