नई दिल्ली: पुलवामा हमले के बाद एक तरफ जहां पूरा देश एकजुट होकर सरकार के पीछे खड़ा है, इस बीच एक मैगजीन ने ऐसी रिपोर्ट सामने लाई है, जिस पर विवाद होना तय है. बल्कि इस रिपोर्ट से सीआरपीएफ काफी खफा है.
इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि 40 शहीद जवानों में अधिकांश पिछड़ी और समाज के निचले क्रम की जाति के युवा थे. इसमें उच्च जाति के जवान बहुत कम थे.
इसके जवाब में सीआरपीएफ ने एक ट्वीट को रिट्वीट किया है. इसमें कहा गया है कि हमलोग भारतीय हैं. न ज्यादा, न कम. इस तरह से जाति, रंग और धर्म का बंटवारा हमारे खून में नहीं है. आप ऐसा कहकर शहीदों का अपमान कर रहे हैं. यह कोई आंकड़ा नहीं है. पूरा लेख निम्नस्तरीय और अर्थहीन है.मैगजीन ने लिखा है कि 40 जवानों में 19 ओबीसी समुदाय के थे. सात अनुसूचित जाति, पांच अनुसूचित जनजाति, चार उच्च जाति और एक बंगाल के उच्च समुदाय से थे. तीन जाट सिख और एक मुस्लिम थे.