हैदराबाद : अग्रणी वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस की वैक्सीन 'कोवैक्सीन' बनाने में जुटी हुई है. वह वैक्सीन को बेहतर से बेहतर बनाना चाहती है और इसके लिए प्रयासरत है. इसी बीच कंपनी ने कहा कि वह वैक्सीन में अलहाइड्रोक्सीक्मि 2 नाम का अजुवंट मिलाएगी. इस अजुवंट को वैक्सीन में मिलाने से लंबे समय तक चलने वाली रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कारगर साबित होगा.
इस तकनीक का उपयोग कैनसस- बेस्ड ViroVax LLC कंपनी के लाइसेंसिंग समझौते के साथ किया जा रहा है.
आपको बता दें कि, भारत बायोटेक वर्तमान में देशभर के कई अस्पतालों में कोरोना के मरीजों पर 'कोवैक्सीन' के दूरसे चरण के नैदानिक परीक्षण का आयोजन कर रहा है.
इसमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली और पटना, विशाखापत्तनम में किंग जॉर्ज अस्पताल, हैदराबाद में निजाम का आयुर्विज्ञान संस्थान शामिल है. इसके साथ ही हरियाणा के रोहतक स्थित पीजीआई में भी इसका परीक्षण चल रहा है.
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ViroVax के डॉ. सुनील डेविड ने कहा कि भारत बायोटेक के साथ साझेदारी करने के लिए ViroVax खुश है. यह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के समर्थन के कारण संभव हुआ है.
भारत बायोटेक कंपनी के चेयरमैन कृष्णा एल्ला ने कहा कि वैक्सीन के लिए भारत बायोटेक और ViroVax की साझेदारी की है. यह साझेदारी सुरक्षित और प्रभावी टीकों को दीर्घकालिक प्रतिरक्षा के साथ विकसित करने की दिशा में अथक प्रयास है.
उन्होंने कहा कि वैक्सीन विकास और उपलब्धता के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकता है कि वैक्सीन एंटीजन के लिए अधिक से अधिक एंटीबॉडी प्रतिक्रियाओं को प्रेरित करने वाली कार्रवाई के तंत्र को बनाए रखे.
कोरोना की रोकथाम के लिए और उपचार के लिए चिकित्सा विज्ञान की खोज और विकास के लिए ViroVax ने सबयूनिट वैक्सीन निर्माण के विकास के लिए पूरक धन भी प्राप्त किया. ViroVax एक सबयूनिट वैक्सीन उम्मीदवार का मूल्यांकन कर रहा है और संभावित एंटीवायरल थैरेप्यूटिक्स की पहचान की है. यह वर्तमान में इन यौगिकों की प्रभावकारिता के परीक्षण की प्रक्रिया में है.