हैदराबाद : कोरोना वायरस एक सूक्ष्म वायरस है, जिसे बिना किसी उपकरण की मदद से नहीं देखा जा सकता. इस वायरस ने पूरी दुनिया को परेशान कर रखा है. कोरोना संक्रमण के परिणामस्वरूप लाखों लोग मर रहे हैं.
- इस वायरस का क्या श्रोत है?
- इसकी उत्पत्ति कहां से हुई?
- क्या यह कहना सही होगा कि यह चमगादड़ों की तरह निशाचर जानवरों से पैदा हुआ है?
इसी तरह के कई सवाल शोधकर्ताओं से लेकर हर किसी के जहन में घूम रहे हैं.
चमगादड़ से कोरोना के प्रसार की धारण गलत
दक्षिण एशियाई देशों के शोधकर्ताओं का समूह कह रहा है कि ऐसा नहीं हो सकता. वह कहते हैं कि कोविड -19 के प्रसार में चमगादड़ों की भूमिका केवल एक गलत धारणा है. शोधकर्ताओं ने चमगादड़ों से कोरोना फैलने की सूचना से इन पक्षियों के मारे जाने और इन्हें मानव आवास के आस-पास से हटाए जाने को लेकर चिंता जताई है.
हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्रीनिवास ने कहा कि छह दक्षिण एशियाई देशों के 64 शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों का एक संयुक्त बयान जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट तौर पर यह कहा गया है कि चमगादड़ कोविड-19 को नहीं फैलाते हैं.
इसके अलावा इन वैज्ञानिकों ने जनता से अपील की है कि चमगादड़ों से छुटकारा पाने और उन्हें मारने या दूर भगाने के लिए बस्तियों के आस-पास आग जलाना उचित नहीं है.