दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

विकास दुबे एनकाउंटर केस को लेकर कांग्रेस का यूपी सरकार पर निशाना

गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भाजपा पर निशाना साधा है.

By

Published : Jul 10, 2020, 4:17 PM IST

Updated : Jul 10, 2020, 6:18 PM IST

डिजाइन फोटो
डिजाइन फोटो

नई दिल्ली : कानपुर गोलीकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार को पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. अब इस विषय को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है. जहां एक ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बिना किसी का नाम लिए भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भाजपा पर उत्तर प्रदेश को 'अपराध प्रदेश' में बदलने का आरोप लगाया है.

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने की पृष्ठभूमि में शायरना अंदाज में कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, 'कई जवाबों से अच्छी है ख़ामोशी उसकी, न जाने कितने सवालों की आबरू रख ली.

ट्वीट

राहुल के अलावा प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुआ कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है. राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है. कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई. कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- यह सच सामने आना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांच होनी चाहिए.

प्रियंका गांधी का बयान

उनकी अपनी सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश बच्चों के खिलाफ अपराध में सबसे ऊपर है, महिलाओं के खिलाफ अपराध में सबसे ऊपर है, दलितों के खिलाफ अपराध में सबसे ऊपर है, अवैध हथियारों के मामलों में सबसे आगे है, हत्याओं में सबसे ऊपर है.'

उन्होंने दावा किया, 'उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत बिगड़ चुकी है. इस स्थिति में विकास दुबे जैसे अपराधी फल-फूल रहे हैं. इन्हें कोई रोकने वाला नहीं है। पूरा प्रदेश जानता है कि इनको राजनीतिक और सत्ता का संरक्षण मिलता है.

प्रियंका ने सवाल किया कि विकास दुबे की कथित मुठभेड़ में मौत के बाद, कानपुर गोलीकांड में मारे गए पुलिसकर्मियों के परिजन को कैसे भरोसा दिलाया जा सकेगा कि उन्हें न्याय मिलेगा?

उन्होंने कहा, 'कांग्रेस की मांग है कि उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कानपुर कांड की न्यायिक जांच कराई जाए और पूरी सच्चाई जनता के सामने लाई जाए.'

उन्होंने कहा कि विकास दुबे जैसे अपराधियों को संरक्षण देने वालों की असलियत सामने आनी चाहिए क्योंकि जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक पीड़ित परिवारों के साथ न्याय नहीं हो सकेगा.

पढ़ें- गैंगस्टर विकास दुबे : अपराध की दुनिया से राजनीति तक रहा कुख्यात

इससे पहले प्रियंका ने एक और ट्वीट करते हुए कहा था कि अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?

गौरतलब है कि विपक्ष की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि विकास दुबे का एनकाउंटर इसलिए कर दिया गया, क्योंकि पूछताछ में वह अपने राजनीतिक साथियों और पुलिस महकमे के साथ सांठ-गांठ को उजागर कर देता.

कांग्रेस ने कानपुर प्रकरण की उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की

बता दें कि कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे के कथित मुठभेड़ में मारे जाने के बाद शुक्रवार को कहा कि कानपुर प्रकरण की उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए ताकि पूरी सच्चाई जनता के सामने आ सके. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि विकास दुबे तो संगठित अपराध का एक मोहरा मात्र था, लेकिन उस संगठित अपराध के सरगना कौन-कौन हैं ?

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, भाजपा शासन में 'उत्तर प्रदेश' अब 'अपराध प्रदेश' बन गया है. संगठित अपराध, अवैध हथियार, हत्या, बलात्कार, डकैती, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध ... इन सबका चारों ओर बोलबाला है. कानून व्यवस्था उत्तर प्रदेश में अपराधियों की 'दासी' और अपराधों की 'बंधक' बन गई है. उत्तर प्रदेश में अपराध के आंकडों का हवाला देते हुए उन्होंने अरोप लगाया कि जिस प्रकार से 3 जुलाई, 2020 को पुलिस के एक डीएसपी सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या हुई, उसने आदित्यनाथ सरकार में गुंडाराज के बोलबाले को उजागर कर दिया.

उन्होंने सवाल किया, विकास दुबे तो संगठित अपराध का एक मोहरा मात्र था. उस संगठित अपराध के सरगना असल में हैं कौन? क्या विकास दुबे सफेदपोशों और शासन में बैठे लोगों का राजदार था? क्या उसे सत्ता-शासन में बैठे व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त था?

सुरजेवाला ने पूछा, 'विकास दुबे का नाम प्रदेश के 25 वांछित कुख्यात अपराधियों में शामिल क्यों नहीं किया गया था? क्या विकास दुबे की कथित मुठभेड़ में मौत अपने आप में कई सवाल नहीं खड़े कर गयी ? अगर उसे भागना ही था, तो फिर उज्जैन में उसने तथाकथित आत्मसमर्पण क्यों किया?'

उन्होंने यह सवाल भी किया, 'पहले विकास दुबे को एसटीएफ सफारी गाड़ी में देखा गया, तो फिर उसे महिंद्रा टीयूवी 300 में कब और कैसे बैठाया गया? विकास दुबे के पैर में लोहे की रॉड होने के कारण वह लंगड़ाकर चलता था, तो वह अचानक भागने कैसे लगा?'

कांग्रेस नेता यह प्रश्न किया, 'अगर अपराधी विकास दुबे भाग रहा था, तो फिर पुलिस की गोली पीठ में लगने की बजाय छाती में कैसे लगी?' उन्होंने दावा किया, 'आदित्यनाथ जी, आज संवैधानिक मर्यादाओं की आतिशबाजी हुई है और कानून व्यवस्था का होलिका दहन हुआ है. जिम्मेदारी आप पर है. इसलिए हमारी मांग है कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश से इस पूरे मामले की जांच कराई जाए.'

Last Updated : Jul 10, 2020, 6:18 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details