नई दिल्ली : कांग्रेस ने भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) से जुड़े आरोपों को लेकर शनिवार को पलटवार किया और कहा कि भाजपा को, खुद को चुनावी बॉन्ड के जरिए मिले चंदे तथा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के साथ अपने संबंधों’ के बारे में जवाब देना चाहिए.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने नड्डा के 10 सवालों के जवाब में 10 सवाल पूछे और यह आरोप भी लगाया कि चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर मोदी सरकार की विफलता से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा रोजाना कांग्रेस पर आरोप मढ़ रही है.
उन्होंने एक बयान में कहा कि दुखद है कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा राष्ट्रीय सुरक्षा और भूभागीय अखंडता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के प्रयासों में अपनी विफलता के चलते अपना राजनीतिक संतुलन खो बैठे हैं. यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि कांग्रेस और देशवासी हमारी मातृभूमि में चीनी घुसपैठ के बारे में मोदी सरकार से सवाल करना बंद कर दें.
सुरजेवाला ने दावा किया कि भाजपा नेतृत्व को चीन के साथ उसके गहरे संपर्क के बारे में सवाल पूछे जाने पर डर लग रहा है. यह संपर्क चाइना एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल फ्रेंडली कांटैक्ट (सीएआईएफसी) के साथ है और चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के साथ उसने लगातार संवाद किया है.
उन्होंने प्रश्न किया कि भाजपा और सीपीसी के बीच क्या संबंध है? सीपीसी के प्रतिनिधिमंडल के दौरे के समय 30 जनवरी, 2007 को तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने दोनों पार्टियों के बीच जिस ऐतिहासिक संबंध की बात की थी वो क्या है?.
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के लोग जनवरी, 2009 में सीपीसी के न्यौते पर चीन क्यों गए थे और उस वक्त अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के मुद्दे पर चर्चा की गई थी, जबकि आरएसएस कोई राजनीतिक दल भी नहीं है? भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष नितिन गडकरी 29 जनवरी, 2011 को सीपीसी के निमंत्रण पर चीन क्यों गए थे?.
उन्होंने पूछा कि नवंबर, 2014 में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सीपीसी के द पार्टी स्कूल में अध्ययन के लिए भाजपा सांसदों-विधायकों के प्रतिनिधिमंडल को क्यों भेजा था? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच बार बतौर प्रधानमंत्री और चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में चीन का क्यों दौरा किया?.