नई दिल्ली : कांग्रेस ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) और सतर्कता आयुक्त की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार के पास छिपाने के लिए बहुत कुछ है और यही कारण है कि वे सीवीसी के पद पर एक रबर स्टैंप जैसा शख्स चाहते हैं.
इसके साथ ही कांग्रेस ने संजय कोठारी को मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) नियुक्त किए जाने की प्रक्रिया को पूरी तरह गैरकानूनी करार दिया है. इस प्रक्रिया को निरस्त किया जाना चाहिए और सीवीसी के चयन का काम नए सिरे से शुरू होना चाहिए.
मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, 'देश में सीवीसी एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्थान है. यह भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रमुख निगेहबान है. इसलिये यह जरूरी है कि इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति ऐसे व्यक्ति की हो जिसकी ईमानदारी सवालों से परे हो. नियुक्ति की प्रकिया भी पारदर्शी होनी चाहिए.'
तिवारी ने दावा किया, 'सर्च कमिटी में सरकार के एक प्रमुख अधिकारी सदस्य थे और वह सीवीसी पद के लिए आवेदक भी थे. बाद में उन्होंने खुद को इस समिति से अलग किया. कोई आवेदक ही कैसे सर्च कमेटी में हो सकता है?'
उन्होंने यह दावा भी किया, ' संजय कोठारी आवेदक नहीं थे. लेकिन प्रधानमंत्री ने तुगलकी फरमान जारी किया और सीवीसी के तौर पर उनकी नियुक्ति कर दी गयी. दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी दाल ही काली है.' तिवारी ने कहा, 'भ्रष्टाचार रोकने की जिम्मेदारी जिसको दी गयी है, उसकी नियुक्ति की प्रक्रिया ही पूरी तरह से गैरकानूनी है. इस तरह से तो चपरासी की नियुक्ति भी नहीं हो सकती.'
उन्होंने सवाल किया, 'क्या हम बनाना रिपब्लिक में रह रहे हैं? सरकार ऐसा क्या छुपाना चाहती है कि सीवीसी उनका आदमी होना चाहिए?'