भोपाल :मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में सियासी सरगर्मी अपने चरम पर पहुंच गई है. जिन परिस्थितियों में ये उपचुनाव हो रहे हैं, उसमें दोनों दलों के नेताओं की बयानबाजी का गिरा हुआ स्तर देखने मिल रहा है. बीजेपी और कांग्रेस के बड़े-बड़े दिग्गज नेता भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल और बदजुबानी का काम कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश में राजनेता सियासी समर में राजनीतिक मर्यादाओं को लांघकर कुछ भी बोलने से गुरेज नहीं कर रहे. चुनावी रैलियों में भी कांग्रेस और बीजेपी के नेता अपने भाषणों में एक दूसरे पर ऐसी छींटाकशी कर रहे हैं. ये बयान कोई छोटे-मोटे नेता नहीं, बल्कि बीजेपी-कांग्रेस में प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से हो रही है. गद्दार-वफादार से शुरू हुई लड़ाई नवरात्र आते-आते अब राम और रावण में बदल गई है. चुनावी मंचों पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से दस कदम आगे नेता एक-दूसरे पर व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं.
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वे बयान जिन पर मचा बवाल
मध्य प्रदेश में नेता एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे थे, लेकिन मुरैना में कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर ने सीएम शिवराज को भूखे-नंगे घर से पैदा हुआ बताया. इस बयान के बाद सियासी पारा गरमा गया. कांग्रेस नेता बरसे तो बीजेपी के नेता भी गरज पड़े. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने सांवेर की सभा में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को को चुन्नू-मुन्नू बता दिया. खुद को टाइगर बताने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक सभा के दौरान कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते वक्त खुद को 'काला कौआ' बताया. इधर जीतू पटवारी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते वक्त उनके पूरे परिवार को ही गद्दार बताया.
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एक्टिंग करने चले जाए सीएम शिवराज
कमलनाथ भी इस मामले में कहां पीछे रहने वाले थे. कभी शिवराज सिंह चौहान को नालायक बताने वाले कमलनाथ ने इस बार सीएम शिवराज को राजनीति छोड़कर बॉलीवुड जाकर एक्टिंग करने की बात कह दी. तो दूसरी तरफ प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ की जवानी और बुढ़ापे पर सवाल खड़े कर दिए. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, वे हर सभा में जवानी की बात करते हैं, मतलब खुद ही अपने बुढ़े होने का सबूत देते हैं.