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हिमालयन कॉन्क्लेव : 'पलायन रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को मिले प्राथमिकता'

मसूरी में हिमालयन कॉन्क्लेव शुरू हो गया है. इस दौरान सवॉय होटल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य में पलायन रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए.

हिमालयन कॉन्क्लेव के दौरान की तस्वीर

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Published : Jul 28, 2019, 2:26 PM IST

Updated : Jul 28, 2019, 9:53 PM IST

मसूरी: हिमालयी राज्यों का कॉन्क्लेव शुरू हो गया है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इसके साथ ही चार हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे.

कार्यक्रम की शुरुआत में बोलते हुए सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि नदियों के संरक्षण, पुनर्जिविकरण और केंद्र पोषित राज्यों के लिए वित्तीय सहयोग की अपेक्षा की गई है. नए पर्यटक स्थलों को विकसित करने में केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया गया है. देश की सुरक्षा को देखते हुए, पलायन रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए.

हिमालयन कॉन्क्लेव में बोलते सीएम त्रिवेंद्र

त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि हिमालयन कॉन्क्लेव प्रति वर्ष आयोजित किए जाने की बात निर्मला सीतारमण ने कही. हिमालयी राज्यों के लिए एक अलग से मंत्रालय गठित हो. नीति आयोग और 15वें वित्त आयोग को वित्त मंत्रालय द्वारा हिमालयी राज्यों को जो समान आवश्यकता है, उनमें ध्यान रखते हुए आश्वस्त किया गया है कि बजट में उसका प्लान नियोजित किया जाएगा.

हिमालयन कॉन्क्लेव में निर्मला सीतारमण

सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि देश की अधिकतर नदियों का स्रोत हिमालय ही है. ऐसे में इस बात पर चर्चा हमारी प्राथमिकता में है कि जल संरक्षण में केंद्र को हम कैसे सहयोग करें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के जल

संचय अभियान में इस तरह से हिमालयी राज्यों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. त्रिवेंद्र ने कहा कि सभी राज्य देश में पहली बार हो रहे इस तरह के सम्मेलन में एक साझा विकास के फ्रेमवर्क पर भी मंथन करेंगे

वहीं जिन राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं आ सके, वहां से कैबिनेट मिनिस्टर या उच्च अधिकारी कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं. इस कॉन्क्लेव में हिमालयी राज्यों के समस्याओं पर मंथन होगा. उम्मीद जताई जा रही है कि हिमालयी राज्यों को वित्तमंत्री खास तोहफा दे सकती हैं.

बताया जा रहा है कि 15वें वित्त आयोग में ग्रीन बोनस का प्रावधान किया है. इसमें राज्य के बजट का 7.5% सीधा दिए जाने की बात कही गई है. लेकिन सभी राज्य इस के दोगने की बात कर रहे हैं. यानी ग्रीन बोनस राज्य के बजट का सीधा 15% होना चाहिए.

इन राज्यों का तर्क है सभी पहाड़ी हिमालयी राज्य आपदाओं से घिरे रहते हैं. कभी बर्फ के कारण परेशानी होती है. सड़कें और बुनियादी सुविधाएं टूट जाती हैं तो कभी मानसून के दौरान बादल फटने और भूस्खलन से डैमेज होता है.

ये VVIP कार्यक्रम में पहुंचे

  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
  • हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर
  • नागालैंड के मुख्यमंत्री निफ्यू रियो
  • मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा
  • उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत
  • सिक्किम की ओर से डॉ. महेंद्र पी. लामा
  • नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार
  • जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा

वहीं कॉन्क्लेव में आए मेहमानों का उत्तराखंड के पारंपरिक नृत्य और पुलिस के विशेष बैंड की धुन पर स्वागत किया जा रहा है. ये कॉन्क्लेव 11 हिमालयी राज्यों में विकास के मामलों में एक जैसी समस्याओं को लेकर आयोजित किया जा रहा है.

कॉन्क्लेव में विकास और अन्य मुद्दों पर मंथन किया जाएगा. इसमें पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन, वन अधिनियम जैसे मुद्दे शामिल होंगे. वहीं हिमालय राज्यों के कॉमन एजेंडे को मूल रूप दिया जाएगा.

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मसूरी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
हिमालयन कॉन्क्लेव को देखते हुए मसूरी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. होटल के आस-पास के इलाकों में लगातार चेकिंग की जा रही है. वहीं देहरादून-मसूरी हाईवे पर भी कड़ी चौकसी बरती जा रही है.

Last Updated : Jul 28, 2019, 9:53 PM IST

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