मसूरी: हिमालयी राज्यों का कॉन्क्लेव शुरू हो गया है. इस कार्यक्रम में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इसके साथ ही चार हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्री भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे.
कार्यक्रम की शुरुआत में बोलते हुए सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि नदियों के संरक्षण, पुनर्जिविकरण और केंद्र पोषित राज्यों के लिए वित्तीय सहयोग की अपेक्षा की गई है. नए पर्यटक स्थलों को विकसित करने में केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया गया है. देश की सुरक्षा को देखते हुए, पलायन रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता दिया जाना चाहिए.
त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि हिमालयन कॉन्क्लेव प्रति वर्ष आयोजित किए जाने की बात निर्मला सीतारमण ने कही. हिमालयी राज्यों के लिए एक अलग से मंत्रालय गठित हो. नीति आयोग और 15वें वित्त आयोग को वित्त मंत्रालय द्वारा हिमालयी राज्यों को जो समान आवश्यकता है, उनमें ध्यान रखते हुए आश्वस्त किया गया है कि बजट में उसका प्लान नियोजित किया जाएगा.
सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि देश की अधिकतर नदियों का स्रोत हिमालय ही है. ऐसे में इस बात पर चर्चा हमारी प्राथमिकता में है कि जल संरक्षण में केंद्र को हम कैसे सहयोग करें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के जल
संचय अभियान में इस तरह से हिमालयी राज्यों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. त्रिवेंद्र ने कहा कि सभी राज्य देश में पहली बार हो रहे इस तरह के सम्मेलन में एक साझा विकास के फ्रेमवर्क पर भी मंथन करेंगे
वहीं जिन राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं आ सके, वहां से कैबिनेट मिनिस्टर या उच्च अधिकारी कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं. इस कॉन्क्लेव में हिमालयी राज्यों के समस्याओं पर मंथन होगा. उम्मीद जताई जा रही है कि हिमालयी राज्यों को वित्तमंत्री खास तोहफा दे सकती हैं.