अमरावती : तेलुगु देशम पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने वाईएसआर कांग्रेस सरकार द्वारा विधानसभा सत्र को कवर करने के लिए कुछ क्षेत्रीय समाचार चैनलों पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के खिलाफ अमरावती में विरोध प्रदर्शन किया. इसके पूर्व विधान सभा में सरकारी आदेश को लेकर मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी और पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली.
दरअसल वाईएसआर कांग्रेस की सरकार ने एक सरकारी आदेश जारी किया है, जिसके तहत विधानसभा सत्र को कवर करने पर कुछ क्षेत्रीय समाचार चैनलों को प्रतिबंधित किया जाएगा.
आंध्र प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ चंद्रबाबू नायडू की अगुआई में तेलुगु देशम पार्टी का विरोध मार्च. हालांकि सत्र स्थगित होने के बाद सदन के नेता प्रतिपक्ष नायडू ने इस मुद्दे पर राज्यपाल विश्वासभूषण हरिचंदन से मिलने का भी फैसला किया है.
गौरतलब है कि विरोध प्रदर्शन करते हुए तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के विधायकों ने सरकारी आदेश 2430 को रद करने की मांग की, जो मीडिया पर मुकदमा चलाने का अधिकार देता है. इसे दौरान विधानसभा मार्शल के साथ उनकी झड़प भी हुई.
इसके पूर्व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने सरकारी आदेश पढ़कर पूछा कि क्या चंद्रबाबू नायडू ने दस्तावेज को अच्छी तरह से पढ़ा है. दरअसल रेड्डी को इस बात में संदेह था कि क्या नायडू को सरकारी आदेश को समझने में कुछ दिक्कत है, क्योंकि यह अंग्रेजी भाषा में है.
इसे भी पढे़ं- आंध्र प्रदेश : 8 साल की उम्र में छूटा था घर, अब 13 साल बाद मां-बाप से मिली
नायडू ने जगन को जवाब देते हुए कहा, 'विपक्ष की आलोचना इस तरह करना सही नहीं है. जगन एक बार फिर कह रहे हैं कि मैं अंग्रेजी से अच्छी तरह से वाकिफ नहीं हूं. मैंने अपना पोस्ट ग्रेजुएशन श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय से किया. जगन ने कहां से पढ़ाई की है? इससे पता चलता है. मैं अंग्रेजी पढ़ा हूं. आज जब मैं कुछ कागजात के साथ सदन में प्रवेश कर रहा था, तो मार्शलों ने मुझे बाहर कर दिया. उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.'
सदन में बहस के दौरान वाईएसआरसीपी विधायक सी. भास्कर रेड्डी ने तेदेपा को याद दिलाया कि कैसे उन्हें गिरफ्तार किया गया और अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया था. उन्होंने कहा कि तेदेपा के कार्यकाल के दौरान एक धरने के दौरान उन्हें कैसे बेरहमी से पीटा गया था.