शिमला : 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए आतंकी हमले को देश कभी नहीं भुला पाएगा. इस अटैक में छह विदेशी नागरिकों सहित 166 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे.
कमांडो फोर्स को लीड कर रहे थे सिसोदिया
हिमाचल के शिमला जिला से संबंध रखने वाले ब्रिगेडियर गोविंद सिंह सिसोदिया ने 26/11 हमले में भारतीय एनएसजी कमांडो फोर्स को लीड किया था और 60 घंटों में ही इस ऑपरेशन को पूरा करने पर सेना ने उन्हें विशिष्ट सेना मेडल से सम्मानित किया था.
ब्रिगेडियर सिसोदिया का जन्म चौपाल के भरनो गांव में हुआ था. वे परिवार में चार भाइयों में से सबसे छोटे हैं. इनके पिता शेर सिंह सिसोदिया राजस्व सेवा में अधिकारी थे. ब्रिगेडियर सिसोदिया ने मंडी शहर के गवर्नमेंट विजय हाई स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई की. 1975 में सिसोदिया ने भारतीय सेना ज्वाइन करने से पहले एसडी कॉलेज शिमला से पढ़ाई पूरी की.
सेना में 35 साल देश की सेवा की
1975 में इन्हें 16 सिक्ख रेजिमेंट में नियुक्ति मिली और बाद में इन्होंने 19 और 20 सिक्ख रेजिमेंट का नेतृत्व भी किया. इन्होंने भारतीय सेना में 35 साल देश की सेवा की है और इस दौरान उन्होंने कश्मीर भी में कई मिलिट्री ऑपरेशन्स को अंजाम दिया है.
यह भी पढ़ें-रतन टाटा ने किया मुंबई हमलों के शहीदों को याद, दिया ये खास संदेश
टीम ने 9 आतंकियों को मार गिराया
ब्रिगेडियर सिसोदिया 26/11 के मुंबई हमलों के दौरान भारतीय सेना के नायक थे. होटल ताज और नरीमन प्वॉइंट से आतंकवादियों का सफाया इनके ही जिम्मे था. लगभग 50 घंटे तक चले ऑपरेशन में टीम ने नौ आतंकियों को मार गिराया और दसवें आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ने में कामयाब रहे थे, जिसे बाद में फांसी दे दी गई. इस ऑपरेशन में ब्रिगेडियर सिसोदिया की टीम के मेजर उन्नीकृष्णन और गजेन्द्र सिंह शहीद हो गए थे.
शहीदों को नमन
आज पूरा देश मुंबई के 26/11 हमले पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है और शहीदों को नमन कर रहा है, जिन्होंने आतंकियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी. मुंबई 26 /11 के बाद भी चल रही है, लेकिन इस हमले के जख्मों को भूल नहीं सकती.