नई दिल्ली/इम्फाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह विधानसभा में सोमवार की शाम विश्वासमत हासिल करके भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन की सरकार बचाने में कामयाब रहे. पूर्वोत्तर के इस राज्य की कांग्रेस की इकाई ने 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था और बीजेपी नेता के सरकारी आवास से ड्रग्स पकड़े जाने का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की थी. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष यमनम खेमचंद ने कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव याचिका को खारिज कर दिया था और उन्होंने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को पिछले शुक्रवार को इसके जवाब में विश्वास मत के हासिल करने दायर की गई याचिका को मंजूर कर लिया था.
60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा की प्रभावी क्षमता 53 विधायकों की है. चार विधायकों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य करार दे दिया गया है और भाजपा से इस्तीफा देने वाले तीन विधायकों का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है. बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में नेशनल पीपुल्स पार्टी(एनपीपी), नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ), टीएमसी का एक और एक निर्दलीय विधायक समेत कुल 29 विधायक हैं जबकि कांग्रेस और अंदर खाने उसका समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या 24 है.
खबरों के मुताबिक, कांग्रेस के आठ विधायकों ने सोमवार के मतदान से खुद को दूर रखा जिससे बहुत ही अस्थिर राजनीति वाले पूर्वोत्तर के इस राज्य की सरकार बचाने में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को मदद मिली. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने बीरेन सिंह पर जो विश्वास जताया था उसे सोमवार को विश्वासमत हासिल करके उन्होंने बरकरार रखा.
जून में बीजेपी के तीन विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था और एनपीपी ने समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी, जिसके बाद बीरेन सिंह सरकार खतरे में पड़ गई थी. यह संकट तब समाप्त हुआ जब पूर्वोत्तर में बीजेपी के मुख्य संकटमोचक और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एनईडीए) के संयोजक हेमंत विश्व सर्मा और मेघालय के मुख्यमंत्री एवं एनपीपी प्रमुख सी. संगमा ने हस्तक्षेप किया.
इसके बाद जुलाई में कांग्रेस ने अपने दो विधायकों आरके इमो और ओकराम हेनरी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया क्योंकि दोनों ने मणिपुर के पूर्व शाही परिवार के सदस्य और राज्यसभा के बीजेपी प्रत्याशी लाइसेम्बा सानाजाओबा के पक्ष में मतदान किया था. इमो कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री आर. के. जयचंद्र सिंह के पुत्र हैं और वर्तमान मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के दामाद हैं. हेनरी कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री और सीएलपी के नेता ओकराम इबोबी सिंह के भतीजे हैं.