नई दिल्लीः ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये जाने माने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को बंगाल के प्रचार की कमान सौंपने का फैसला किया है. इस पर भाजपा नेता मुकुल रॉय ने तंज कसा है.
मुकुल रॉय ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. उन्होंने कहा कि ममता ब्रांड अब बंगाल में खत्म हो गया है इसलिये नया ब्रांड बनाने के लिये ममता ने प्रशांत किशोर को काम पर लगाया है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए मुकुल रॉय ने ममता पर किया वार 'अब प्रशांत तय करेगा कि ममता साड़ी कैसी पहनेंगी , चोटी कैसे बांधेगी... बात कैसे करेगी और हाथ कैसे हिलायेगी. '
जब उनसे यह सवाल किया गया कि प्रशांत किशोर भाजपा के घटक दल जद(यू) के उपाध्यक्ष भी हैं तो क्या भाजपा को इस बात से समस्या नहीं है ?
मुकुल रॉय ने प्रशांत किशोर पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि इससे पहले प्रशांत किशोर ने अखिलेश यादव से मिल कर उसको उत्तर प्रदेश से साफ किया था. अब प्रशांत किशोर बंगाल से ममता बनर्जी को साफ करने का काम करेंगे.
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जाहिर तौर पर मुकुल रॉय का इशारा और तंज भी बंगाल में ममता बनर्जी के इमेज मेकओवर पर था जिसके लिये टीएमसी तृण मूल कांग्रेस ने प्रशांत किशोर को जिम्मा दिया है .
अब देखने वाली बात ये होगी कि प्रशांत किशोर टीएमसी और ममता स्टाइल की राजनीति में क्या क्या नयापन ले कर आते हैं .
बात यदि नीति आयोग को लेकर ममता के रवैये की करें तो ममता ने 15 जून को नीती आयोग के बैठक में आने से इनकार किया. लेकिन यह पहली बार नहीं है कि ममता ने नीती आयोग की बैठक से किनारा किया हो.
भाजपा नेता मुकुल रॉय ने की ईटीवी भारत से बातचीत इससे पहले आयुष्मान भारत योजना को बंगाल में आने से रोकने के अलावा पीएम किसान सम्मान निधी के लिये किसानों की सूची भेजने में भी बंगाल सरकार का प्रतिरोध रहा है.
मुकुल रॉय ने ममता पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आज ममता लोकतंत्र का फायदा उठाने के बाद खुद ही लोकतंत्र को ध्वस्त करने में जुट गई हैं.
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उन्होंने ममता पर निशाना साधते हुए कहा कि न ही वे प्रधानमंत्री को देश का प्रधानमंत्री मानती हैं , न नीति आयोग को और न ही चुनाव आयोग को.
भाजपा नेता मुकुल रॉय एक समय पर ममता बनर्जी के बेहद करीबी रहे हैं.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही लगातार बंगाल की राजनीति सरगर्मियों से भरी है और लगातार हिंसक घटनाओं की खबरें भी आती रही हैं . इसी बीच बंगाल में राजनीतिक पलायन का दौर भी बदस्तूर जारी है. भाजपा नेता टीएमसी नेताओं को भाजपा में शामिल करने में लगे हुए हैं.