नई दिल्ली : राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी चार साल बाद फिर अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते नजर आ रहे हैं. पिछले कुछ समय से चीन सीमा विवाद सहित कई संवेदनशील मुद्दों पर जब-जब स्वामी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की तो उन्हें बीजेपी समर्थकों ने ट्रोल किया. इससे नाराज हुए स्वामी ने बीते दिनों बीजेपी आईटी सेल हेड के पद से अमित मालवीय को 24 घंटे के अंदर हटाने की मांग राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने रख दी. उनकी मांग को पार्टी ने संज्ञान में ही नहीं लिया. इससे पहले 2016 में भी स्वामी के तेवर इसी तरह तल्ख थे.
राज्यसभा का अगला कार्यकाल शायद नहीं मिले
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि स्वामी पार्टी लाइन के अनुरूप चलना नहीं चाहते. ऐसे में उनकी बातों को नजरअंदाज करने के सिवा किया ही क्या जा सकता है? सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी करना उन्हें भारी पड़ सकता है. राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने पर फिर स्वामी को आगे मौका देने से पार्टी बच सकती है.
हाल में चीन से विवाद, जेईई-नीट परीक्षा और उत्तराखंड के एक मामले को लेकर सुब्रमण्यम स्वामी भाजपा और केंद्र सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं. नीट और जेईई परीक्षा टालने के लिए स्वामी ने लगातार मुहिम चलाई, लेकिन सरकार ने मांग अनसुनी कर दी. जीडीपी को लेकर भी हाल में सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी सरकार पर तंज कसा था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कोरोना वायरस संकट को एक्ट ऑफ गॉड बताने पर स्वामी ने कटाक्ष करते हुए पूछा था कि कोरोना के पहले ही जीडीपी गिरकर 3.1 प्रतिशत पर आ चुकी थी, क्या वो भी एक्ट ऑफ गॉड था?
विरोधी तेवर भाजपा समर्थकों को रास नहीं आए
स्वामी के पार्टी विरोधी तेवर भाजपा के समर्थकों को रास नहीं आए. उन्हें ट्रोल किया गया. ट्रोल होने से नाराज स्वामी ने बीते सात सितंबर को बीजेपी आईटी सेल पर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा कि आईटी सेल के कुछ सदस्य फर्जी आईडी से मुझ पर निजी हमले कर रहे हैं. यदि नाराज हुए मेरे समर्थकों ने व्यक्तिगत हमले किए तो ठीक उसी तरह से मैं जिम्मेदार नहीं रहूंगा जैसे आईटी सेल की करतूत पर भाजपा जिम्मेदार नहीं होती. उन्होंने 9 सितंबर को किए अपने ट्वीट में कहा कि कल तक अगर मालवीय को बीजेपी आईटी सेल से नहीं हटाया जाता है, तो इसका मतलब है कि पार्टी मेरा बचाव नहीं करना चाहती. चूंकि पार्टी में कोई मंच नहीं है, जहां मैं राय रख सकता हूं, इसलिए मुझे अपना बचाव करना होगा.