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चक्रवात 'अम्फान' के गंभीर होने की आशंका, ओडिशा और बंगाल में अलर्ट - अम्फान एनडीआरएफ

चक्रवात 'अम्फान' के आसन्न खतरे के मद्देनजर रविवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम तैनात कर दी गईं. इस बीच, ओडिशा ने कहा कि वह इस चक्रवात से बुरी तरह से प्रभावित होने वाले 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयार है.

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Published : May 18, 2020, 9:55 AM IST

Updated : May 18, 2020, 1:48 PM IST

भुवनेश्वर/कोलकाता/नई दिल्ली : चक्रवात 'अम्फान' के आसन्न खतरे के मद्देनजर रविवार को ओडिशा और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम तैनात कर दी गईं. इस बीच, ओडिशा ने कहा कि वह इस चक्रवात से बुरी तरह से प्रभावित होने वाले 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तैयार है.

एनडीआरएफ के महानिदेशक एस एन प्रधान ने नयी दिल्ली में कहा कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की रविवार सुबह की एक रिपोर्ट के अनुसार चक्रवात ‘अम्फान’ बंगाल की खाड़ी में एक प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो रहा है और संभवत: अगले 24 घंटों में यह अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है.

उन्होंने कहा, 'इसका पथ मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, सागर द्वीप समूह और शायद बांग्लादेश की ओर है...लेकिन हमें इस पर करीबी नजर रखनी होगी. एनडीआरएफ ने समय रहते अपनी टीम तैनात कर दी हैं. वे या ता तैनात कर दी गई हैं या गंतव्य की ओर बढ़ रही हैं.'

चक्रवाती तूफान के भारतीय तट की ओर बढ़ने के चलते ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल के कई तटीय जिलों में तेज रफ्तार हवाओं के साथ भारी बारिश की संभावना है.

कोलकाता में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जी के दास ने बताया कि यह तूफान 20 मई की दोपहर और शाम के बीच में अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान के तौर पर पश्चिम बंगाल में सागर द्वीपसमूह और बांग्लादेश के हतिया द्वीप समूह के बीच पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तटीय क्षेत्रों से गुजर सकता है.

पिछले साल चक्रवात ‘फोनी’ सहित कई चक्रवातों का सामना कर चुके ओडिशा ने खतरे वाले इलाकों से 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं.

विशेष राहत आयुक्त पी के जेना ने यह जानकारी दी.

राज्य के 12 तटीय जिले--गंजम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर, कटक, खुर्दा और नयागढ़-- हाई अलर्ट पर हैं.

जेना ने बताया कि 12 तटीय जिलों में 809 चक्रवात आश्रय केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 242 का अभी चिकित्सा शिविर के रूप में उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा जो लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों से लौटे हैं.

जेना ने कहा, 'लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की स्थिति में हमारे पास 567 चक्रवात एवं बाढ़ राहत आश्रय केंद्र उपलब्ध हैं. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर 7,092 इमारतों का भी इंतजाम किया गया है.'

उन्होंने कहा, 'लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है.'

जेना ने, 'ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल, एनडीआरएफ और दमकल सेवा कर्मी जिलों में भेजे जा चुके हैं. हम किसी भी जरूरत के लिए भारतीय तटरक्षक, मौसम विज्ञान विभाग और एनडीआरएफ से निरंतर संपर्क में हैं.'

कोलकाता स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जी के दास ने कहा कि चक्रवात के कारण उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना जिले, कोलकाता, पूर्वी एवं पश्चिमी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली सहित गंगाई पश्चिम बंगाल के तटवर्ती जिलों में 19 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश तथा छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है.

प्रधान ने बताया कि बल की सात टीम पश्चिम बंगाल में तैनात की गई हैं. ये टीम छह जिलों --दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर, हावड़ा और हुगली में हैं.

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ओडिशा के सात जिलों में 10 टीम तैनात की गई हैं. ये जिले पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, भद्रक, बालासोर और मयूरभंज हैं.

एनडीआरएफ की एक टीम में लगभग 45 कर्मी होते हैं.

ओडिशा ने बिजली और पानी की आपूर्ति बहाल करने, सड़कों को साफ करने, राहत एवं बचाव अभियान फौरन शुरू करने के लिए भी खाका तैयार कर लिया है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक चक्रवात बुधवार को पश्चिम बंगाल में दस्तक दे सकता है.

कोराना वायरस महामारी संकट का सामना करने के दौरान चक्रवात से लोगों के जान-माल की क्षति को कम करने के लिए तैयारियों की समीक्षा करने के वास्ते शनिवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के तहत राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक हुई .

Last Updated : May 18, 2020, 1:48 PM IST

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