नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने दावा किया कि राष्ट्रीय स्तर पर सामुदायिक प्रसारण का ऐसा कोई सबूत नहीं है, हालांकि कुछ दिन पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा था कि भारत में सामुदायिक प्रसारण शुरू हो गया है. गुलेरिया ने कहा कि दिल्ली एम्स में कोवैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू कर दिया गया है.यह परीक्षण 18 से 55 वर्ष तक के उम्र के लोगों पर किया जाएगा.
सोमवार को गुलेरिया ने कहा कि भारत में सामुदायिक प्रसारण का पता लगाने के लिए बहुत साक्ष्य नहीं हैं. राष्ट्रव्यापी डाटा भी राष्ट्रीय स्तर के सामुदायिक प्रसारण का कोई संकेत नहीं देता है. आईसीएमआर के सीरो सर्वेक्षण के आंकड़ों ने भी राष्ट्रीय स्तर पर सामुदायिक प्रसारण से इनकार किया है.
उन्होंने कहा कि कहा, 'कई राज्य ऐसे हैं जहां पर बहुत कम मामले देखे जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में यह कहना उचित नहीं होगा कि भारत में सामुदायिक प्रसारण शुरू हो गया है.' देश के कुछ शहरों में मामले बढ़ रहे हैं. कोरोना पर नियंत्रण करने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे करना आवश्यक है.
उन्होंने कहा कि इस बीच दिल्ली एम्स कोरोना की दवा कोवैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू कर दिया है