नई दिल्ली : देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया. इस पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने शोक जताया है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक मेरे करीबी सहयोगी प्रणब मुखर्जी के निधन पर गहरा दुख हुआ है.
प्रणब दा का निधन राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है. मैंने एक दोस्त खो दिया है. उनकी आत्मा को शांति मिले. शर्मिष्ठा, अभिजीत, इंद्रजीत और उनके परिवार के सभी सदस्यों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. शांति.
प्रणब दा में चीजों को तेजी से परखने की क्षमता थी, जिन्होंने हमेशा संवाद को जरूरी माना. वह इस बात के पक्षधर थे कि अगल-अलग विचाराधार और राजनीति लोगों के बीच परस्पर सहयोग बना रहे.
उन्होंने कहा कि प्रणब दा को हम में से बहुत से लोगों ने स्नेह के साथ याद किया. मेरा उनके साथ लंबा और यादगार साथ रहा. मैं उनसे बड़ा हूं लेकिन प्रणब दा एक संसद सदस्य के तौर पर मुझसे एक साल सीनियर थे.
उन्होंने कहा,' मैं साल 1970 में संसद का सदस्य बना था, जबकि प्रणब मुखर्जी 1969 में सांसद बने. हम अलग-अलग विचारधाराओं से आते थे, लेकिन उनसे मुलाकात के पहले दिन से हम दोनों के बीच परस्पर सम्मान का बंधन बन गया.