नई दिल्ली : भारत में कोरोना संकट गहराता दिख रहा है. 30 से ज्यादा राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में लॉकडाउन या कर्फ्यू की स्थिति है. इसी बीच पीएम मोदी ने मंगलवार की रात देशवासियों को संबोधित किया और पूरे भारत में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा कर दी. इसी क्रम मेंउन्होंने कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये स्वीकृत किए जाने का भी एलान भी किया.
गौरतलब है कि सोमवार कोडब्लूएचओ प्रमुख टी.ए. ग्रेब्रेएसस ने कहा था कि महामारी तीव्र गति से फैल रही है. उन्होंने कहा था कि यह बीमारी कितनी तेजी से फैल रही है, इसका अंदाजा आप इस आंकड़े से लगा सकते हैं. शुरुआती दिनों में एक लाख लोगों तक पहुंचने में इसे 67 दिन लगे, जबकि बाद के एक लाख लोगों तक पहुंचने में इसे महज 11 दिन लगे. आपको अचरज होगा ये जानकर कि तीन लाख लोगों तक फैलने में इसे महज तीन दिन लगे. अब आप सोच सकते हैं कि यह बीमारी कितनी खतरनाक है.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में इस बात का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने बताया कि संक्रमण जिस तेजी से फैल रहा है, इससे संभलने की जरूरत है.
कोरोना संकट पर देश को प्रधानमंत्री का संबोधन पीएम मोदी ने कहा कि आप अपना ध्यान रखिए, अपनों का ध्यान रखिए. आत्मविश्वास के साथ कानून, नियमों का पालन करते हुए, पूरी तरह संयम बरतते हुए विजय का संकल्प करते हुए हम सब इन बंधनों को स्वीकार करें.
पीएम मोदी ने कहा कि 21 दिन का लॉकडाउन लंबा समय है, लेकिन आपके जीवन की रक्षा के लिए, आपके परिवार की रक्षा के लिए, उतना ही महत्वपूर्ण है.
मुझे विश्वास है कि हर देशवासी इस संकट का न सिर्फ सफलता से मुकाबला करेगा, बल्कि इस मुश्किल घड़ी से विजयी होकर निकलेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरी आपसे प्रार्थना है कि इस बीमारी के लक्षणों के दौरान, बिना डॉक्टरों की सलाह के, कोई भी दवा न लें. किसी भी तरह का खिलवाड़, आपके जीवन को और खतरे में डाल सकता है.
मुझे विश्वास है कि हर भारतीय संकट की इस घड़ी में सरकार के निर्देशों का पालन करेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे कोरोना से जुड़ी टेस्टिंग फेसिलिटीज, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स, आइसोलेसन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर और अन्य जरूरी साधनों की संख्या तेजी से बढ़ाई जाएगी.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी से बनी स्थितियों के बीच, केंद्र और देशभर की राज्य सरकारें तेजी से काम कर रही हैं. रोजमर्रा की जिंदगी में लोगों को असुविधा न हो, इसके लिए सरकार निरंतर कोशिश कर रही हैं.
पीएम ने कहा कि ये धैर्य और अनुशासन की घड़ी है. जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है, हमें अपना संकल्प निभाना है, अपना वचन निभाना है. मेरी आपसे प्रर्थना है कि घरों में रखकर आप उनके लिए मंगलकामना कीजिए, जो खुद को खतरे में डालकर दूसरों को बचा रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज उस स्टेज पर है, जहां हमारी आज की कार्रवाई तय करेगी कि इस बड़ी आपदा के प्रभाव को हम कितना कम कर सकते हैं. ये समय हमारे संकल्प को बार-बार मजबूत करने का है.
पीएम ने कहा कि कोरोना से निबटने के लिए उम्मीद की किरण, उन देशों से मिले अनुभव हैं, जो कोरोना को कुछ हद तक नियंत्रित कर पाए.
पीएम ने कहा कि हफ्तों तक इन देशों के नागरिक घरों से बाहर नहीं निकले, इसलिए ये देश इस महामारी से बाहर निकलने की ओर बढ़ रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, इटली-ईरान जैसे देशों में जब कोरोना वायरस ने फैलना शुरू किया, तो हालात बेकाबू हो गए.
प्रधानमंत्री ने कहा कि याद रखिए इटली हो या अमेरिका, उनकी स्वास्थ्य सेवाएं दुनिया में बेहतरीन मानी जाती हैं, बावजूद इसके वहां इसे फैलने से नहीं रोका जा सका.
डब्लूएचओ के आंकड़ों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोरोना वायरस पर आपको ये याद रखना है कि कई बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति शुरुआत में बिल्कुल स्वस्थ लगता है, वो संक्रमित है इसका पता ही नहीं चलता. इसलिए एहतियात बरतिए, अपने घरों में रहिए.
पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 21 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो कोरोना वायरस की संक्रमण की साइकिल तोड़ने के लिए कम से कम 21 दिन का समय बहुत अहम है. घर में रहें, घर में रहें और एक ही काम करें कि अपने घर में रहें.
पीएम ने कहा कि इस लॉकडाउन की एक आर्थिक कीमत देश को उठानी पड़ेगी, लेकिन एक-एक भारतीय के जीवन को बचाना इस समय मेरी, भारत सरकार की, देश की हर राज्य सरकार की, हर स्थानीय निकाय की, सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
बिंदुवार पढ़ें पीएम मोदी की बातें
- पिछले 2 दिनों से देश के अनेक भागों में लॉकडाउन कर दिया गया है.
- राज्य सरकारों के इन प्रयासों को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए.
- आज रात 12 बजे से पूरे देश में, संपूर्ण लॉकडाउन होने जा रहा है.
- लापरवाही जारी रही तो बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
- आप कोरोना वैश्विक महामारी पर पूरी दुनिया की स्थिति को समाचारों के माध्यम से सुन रहे हैं और देख भी रहे हैं.
- दुनिया के बड़े से बड़े देश भी कोरोना से बेबस हैं, ऐसा नहीं है कि इन देशों में प्रयास नहीं हो रहे.
- देश ने पूरी जिम्मेदारी से अपना योगदान दिया.
- जनता कर्फ्यू को जनता ने सफल बनाया.
- संकट आने पर हम मिलकर मुकाबला करते हैं.
- जनता कर्फ्यू पर देश की जनता बधाई की पात्र है.
- गत 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का संकल्प लिया था, जिसमें हर वर्ग और उम्र के लोगों ने सहयोग दिया.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एक अहम फैसले में कई चिकित्सा उपकरणों का निर्यात तत्काल रोक दिया है. कई जगहों से डॉक्टरों या नर्सों से दुर्व्यवहार की खबरें भी सामने आई हैं, जिस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संज्ञान लिया है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने भी इन मामलों पर चिंता जाहिर की है.
इससे पहले 24 मार्च की शाम 5.45 बजे (IST) जारी आंकड़ों के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत में नौ लोगों के मरने की पुष्टि की. स्वास्थ्य सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है.