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अनुच्छेद 370 हटने से घाटी के विकास में आड़े आ रहे अवरोध हटे

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी इस समय दो दिवसीय लद्दाख दौरे पर हैं. दौरे के पहले दिन नकवी ने कई जनसभाओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के साथ जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के विकास में आड़े आ रहे राजनीतिक और कानूनी अवरोध समाप्त हो गए हैं.

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Published : Sep 10, 2020, 9:32 PM IST

Published : Sep 10, 2020, 9:32 PM IST

मुख्तार अब्बास नकवी इ
मुख्तार अब्बास नकवी इ

श्रीनगर : केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अनुच्छेद 370 समाप्त होने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की विकास प्रक्रिया में अवरोध पैदा करने वाले अनावश्यक कानूनों के गति अवरोधक तोड़ दिए गए हैं.

लद्दाख के अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन नकवी ने कई जनसभाओं को संबोधित किया तथा लेह, साबू-थांग, चुशोत शमा, चुशोत गोंगमा और फयांग में अनेक सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश में विभिन्न विकास परियोजनाओं की समीक्षा भी की.

उन्होंने कहा कि अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भी केंद्र सरकार की अनेक सामाजिक-आर्थिक तथा शैक्षिक सशक्तीकरण योजनाओं के लाभ मिल रहे हैं.

नकवी ने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 समाप्त होने के साथ जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के विकास में आड़े आ रहे राजनीतिक और कानूनी अवरोध समाप्त हो गए तथा दोनों ही केंद्रशासित प्रदेश अब देश के दूसरे राज्यों के साथ विकास के साक्षी बन रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के समाप्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर, लेह और करगिल क्षेत्रों (लद्दाख) के 75 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार उन्मुखी कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, 50 नए कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं, मौजूदा कॉलेजों में 25 हजार सीटें बढ़ाई गई हैं, लाखों छात्रों को अनेक छात्रवृत्तियां प्रदान की गई हैं, लद्दाख में एक नया मेडिकल कॉलेज, एक इंजीनियरिंग कॉलेज और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान स्थापित किया जा रहा है.

नकवी ने कहा कि खाली पड़े सरकारी पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई है और 35 हजार से अधिक स्कूल शिक्षकों को नियमित किया गया है. निर्माण श्रमिकों, पिट्ठूवालों, फेरीवालों तथा महिलाओं के लिए विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के वास्ते 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लेह-करगिल को निवेश का केंद्र बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं.

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