नई दिल्ली: कांग्रेस ने मोदी सरकार पर चुनाव का बाजारीकरण करने का आरोप लगाया है. एक निजी कंपनी द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस ने कहा कि इस बार के चुनाव में साठ हजार करोड़ का खर्च हुआ, जो अब तक हुए किसी भी चुनाव में सबसे ज्यादा है. इसमें से लगभग आधे के करीब बीजेपी ने इस्तेमाल किया है.
पार्टी के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कुल खर्च हुई रकम का लगभग आधा बीजेपी ने अपने चुनाव प्रचार पर इस्तेमाल किया. चुनाव में कुल खर्च हुई राशि, जो कि 60 हजार करोड़ है उसमें से 45 प्रतिशत बीजेपी ने चुनाव के दौरान खर्च किए. कांग्रेस ने मोदी सरकार से सवाल कर कहा कि सरकार श्वेत पत्र जारी कर बताए कि चुनाव के दौरान खर्च हुई इस राशि में कितना काला धन था और कितना सफेद.
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर एक और आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने साबित कर दिया कि उसके लिए जनता की अहमियत नहीं है, पैसों की अहमियत ज्यादा है. आगे कहा कि साठ हजार करोड़ 100 करोड़ की आबादी वाले देश के लिए क्या मायने रखते हैं, यह समझा जा सकता है.
आगे अभिषेक मनु सिंघवी कहते हैं कि भारत सरकार, जो शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च करती है उसका एक तिहाई बीजेपी ने चुनाव में अकेले खर्च कर दिया. यह बीजेपी की चुनावी नीति है, जो धन बल के आधार पर चलती है. सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री को याद दिलाना चाहेंगे कि नोटबंदी के समय, जो उन्होंने वायदा किया, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से वह अब सामने आना चाहिए.
अभिशेक मनु सिंघवी का बीजेपी से सवाल, देखें वीडियो. सरकार को बताना चाहिए इतना पैसा चुनाव के दौरान कैसे खर्च किया गया. वह कहां से आया. उसमें कितना कालाधन था और कितना सफेद. इस सवाल के जवाब में कि सरकार ने अपनी पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी है, सिंघवी ने कहा कि सरकार ने लेकिन यह नहीं बताया कि 45000 करोड़ रुपए खर्च किए गए. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकार खर्च का पूरा ब्यौरा दें तो कांग्रेस पार्टी भी अपने खर्च का ब्यौरा देगी.
सिंघवी ने कहा कि सरकार भी हिसाब मांगेगी. पारदर्शी हैं हम, सरकार के सामने पूरी रिपोर्ट देंगे, लेकिन हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि विशेष पत्र जारी कर देश को बताएं 45 हजार करोड़, जो उसने चुनाव में खर्च किए उसके स्रोत क्या हैं. खर्च के मोनेटाइजेशन के लिए सरकार क्या कर रही है.
बता दें, एक निजी कंपनी द्वारा तैयार रिपोर्ट में बताया गया कि 60 हजार करोड़ रुपये चुनाव में कुल खर्च हुआ है. इसमें 45 प्रतिशत बीजेपी की भागीदारी है. वहीं कांग्रेस की 15 प्रतिशत.