कोटा : देश के कई राज्यों की सरकारों ने कोटा में फंसे हुए अपने बच्चों को रेस्क्यू कर निकाला है और गृह जनपदों तक पहुंचा दिया है, लेकिन कई राज्य ऐसे हैं, जहां की सरकार मदद के लिए आगे नहीं आ रही है. इसमें बिहार, झारखंड और ओडिशा सहित कुछ राज्य शामिल हैं. ऐसे में अब कोटा में फंसे हुए कोचिंग छात्र खुद के स्तर पर ही बसें कर गृह राज्यों की तरफ रवाना हो रहे हैं. ऐसा ही कुछ गुरुवार को ओडिशा के राउरकेला जिले के स्टूडेंट्स ने किया है.
बता दें कि कोटा से गुरुवार को 4 बसों में 113 स्टूडेंट्स राउरकेला के लिए रवाना हुए. ऐसे में हर एक स्टूडेंट को हजारों रुपये खर्च कर अपने गृह जनपद में लौटना पड़ रहा है. इसी तरह से फंसे कुछ अन्य राज्यों के छात्र भी ऐसा करने वाले हैं. बता दें कि ओडिशा के जो अन्य जिलों के छात्र यहां पर फंसे हुए हैं, वह भी इस तरह की प्लानिंग कर रहे हैं, जबकि कोटा से 24 हजार बच्चों का रेस्क्यू किया जा चुका है, यह 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्टूडेंट्स थे, जिन्हें किसी तरह का कोई किराया नहीं देना पड़ा.
खुद किराया देकर कोटा से हुए रवाना ओडिशा के छात्र इन बच्चों को राजस्थान सरकार की सहमति से उन राज्यों की सरकारों ने या तो रेस्क्यू किया है या फिर कोटा से ही बसे मंगवालर गृह जनपद तक पहुंचाया है. इसके अलावा महाराष्ट्र की 71 बसें कोटा पहुंच गई हैं, जिनसे महाराष्ट्र के करीब 2100 से ज्यादा बच्चों की वापसी होगी.
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अभी तक इतने बच्चों की हो चुकी है कोटा से वापसी
- उत्तर प्रदेश : 406 बसों से 12 हजार स्टूडेंट्स
- उत्तराखंड : 18 बसों से 500 स्टूडेंट्स
- मध्यप्रदेश : 110 बसों 2844 स्टूडेंट्स
- गुजरात : 15 बसों से 400 स्टूडेंट्स
- दादरा नगर हवेली व दमन एवं दीव : 3 बसों में 44 स्टूडेंट्स
- राजस्थान : 91 बसों में 2335 स्टूडेंट्स
- आसाम : 18 बसों से 389 स्टूडेंट्स
- हरियाणा : 9 बसों से 112 स्टूडेंट्स
- जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख: 15 बसों से के 397 स्टूडेंट्स
- पंजाब-चंडीगढ़ : 7 बसों से 152 स्टूडेंट्स
- छत्तीसगढ़ : 82 बसों से 2247 स्टूडेंट्स
- कर्नाटक : 7 बसों से 162 स्टूडेंट्स
- पश्चिम बंगाल : 83 बसों से 2368 से अधिक स्टूडेंट्स