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मार्च से मई के बीच मैदानी इलाकों में लू का कहर कम रहने का अनुमान : मौसम विभाग

भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने मंगलवार को कहा कि मार्च से मई की अवधि के दौरान पश्चिमी तथा इससे लगे उत्तरी भागों और पूर्वोत्तर के हिस्सों में कई स्थानों पर अधिकतम तापमान (Maximum Temperature) सामान्य से ज्यादा रहने की 'बहुत अधिक संभावना' है.

heat wave conditions are expected to remain low
मार्च से मई के बीच हिंद-गंगा मैदानी इलाकों में लू का कहर कम रहने का अनुमान

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Published : Mar 1, 2022, 4:44 PM IST

नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने मंगलवार को कहा कि मार्च से मई की अवधि के दौरान पश्चिमी तथा इससे लगे उत्तरी भागों और पूर्वोत्तर के हिस्सों में कई स्थानों पर अधिकतम तापमान (Maximum Temperature) सामान्य से ज्यादा रहने की 'बहुत अधिक संभावना' है. विभाग ने कहा कि इस अवधि के दौरान हिंद-गंगा क्षेत्र के मैदानी इलाकों में लू का कहर (Heat Wave) सामान्य से कम रहने का अनुमान है. विभाग ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir), लद्दाख (Laddakh), हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh), राजस्थान (Rajasthan) के प्रमुख हिस्सों, गुजरात (Gujarat), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) और महाराष्ट्र (Maharashtra) के आसपास के क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है.

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साथ ही इस अवधि के दौरान देश के सुदूर पूर्वोत्तर क्षेत्रों में भी तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. विभाग ने कहा कि उत्तरी मैदानी इलाकों में हालांकि मार्च में लू चलने (Heat Wave) की संभावना नहीं है. आईएमडी ने कहा कि मार्च में गुजरात (Gujarat), महाराष्ट्र (Maharashtra), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक रहने की संभावना है.

उत्तर पश्चिम और पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है. मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होने और सामान्य से कम से कम 4.5 डिग्री अधिक होने पर 'लू' की स्थिति मानी जाती है. आईएमडी के अनुसार, अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर 'गंभीर लू' घोषित की जाती है. आईएमडी ने यह भी कहा कि भारत में सर्दी के मौसम में 44 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है. देश में फरवरी में भारी वर्षा की 15 घटनाएं हुईं, जो चार वर्षों में सबसे कम हैं. सबसे भारी वर्षा की घटनाएं केरल और जम्मू और कश्मीर में हुईं. देश में साल 2021 और 2020 में भारी बारिश की 18-18 और 2019 में 82 घटनाएं हुई थीं.

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