बालासोर : ओडिशा के बालासोर जिले दो जून को हुए ट्रिपल ट्रेन टक्कर के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भुवनेश्वर में 41 शवों की पहचान अभी तक नहीं की जा सकी है. एम्स भुवनेश्वर, ओडिशा के निदेशक डॉ. (प्रोफेसर) आशुतोष विश्वास ने कहा कि हमारे पास 41 लावारिस शव हैं. लोग हमारे पास आ रहे हैं और हम डीएनए नमूनों के मिलान के बाद शव सौंप रहे हैं. बिस्वास ने कहा कि शवों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है. अन्य शवों के रिश्तेदार या दावेदार शव लेने आ रहे हैं.
इससे पहले राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में शुक्रवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 'सिग्नलिंग-सर्किट-परिवर्तन' में चूक के कारण गलत सिग्नल पास हुआ जिससे ओडिशा के बालासोर जिले में दुखद ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना हुई. केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि 2 जून को ओडिशा के बालासोर में ट्रिपल-ट्रेन दुर्घटना हुई. जिसमें 295 यात्रियों की मौत हो गई और 176 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. एक लेवल-क्रॉसिंग गेट पर इलेक्ट्रिक लिफ्टिंग बैरियर स्थापित करने के दौरान सिग्नल-सर्किट परिवर्तन में खराबी आ गई जिससे हादसा हुआ. उन्होंने अपने उत्तर में कहा कि शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस (12841) एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे उसके डिब्बे बगल की पटरी पर गिर गए.
रेलवे सुरक्षा आयुक्त की रिपोर्ट के निष्कर्ष :दुर्घटना के संबंध में राज्यसभा सदस्यों के सवालों के जवाब में शुक्रवार को रिपोर्ट का खुलासा किया गया. लिखित जवाब में, वैष्णव ने कहा कि इन खामियों के परिणामस्वरूप ट्रेन नंबर 12841 को गलत सिग्नल मिला. गलत सिग्नलिंग के परिणामस्वरूप ट्रेन नंबर 12841 अप लूप लाइन पर चली गई और अंततः वहां खड़ी मालगाड़ी (नंबर एन/डीडीआईपी) से पीछे से टकरा गई.