भोपाल।मुस्लिम समाज का सबसे प्रमुख त्यौहार है बकरीद (Bakrid 2022) जो नजदीक ही है. इसके लिए तीन दिनों तक चलने वाला कुर्बानी के बकरों का बाजार भी गुलजार है. भोपाल ऐसा शहर है, जहां लोग बड़े शौक से बकरीद पर ऊंची कीमत हासिल करने के लिए बकरों को न सिर्फ पालन पोषण करते हैं बल्कि वे इन बकरों की खास डाइट भी मैंटेन करते है. काजू,बादाम, घी, मक्खन और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां खाने से मजबूत हुई इन बकरों की कद काठी के चलते उन्हें इनकी कीमत भी लाखों में मिलती है. यही वजह है कि भोपाल के बकरा बाजार में दूसरे शहरों मुंबई, पुणे से भी खरीदार यहां पहुंचते हैं. भोपाल में लगे मेले के पहले दिन बकरीद पर कुर्बानी के लिए एक बकरा 7 लाख रुपए में बिका है. (Bhopal Goat Titan worth 7 lakh)
भोपाल बकरा टाइटन की कीमत 7 लाख भोपाल गॉट फार्म लगाता है मेला: बकरी-बकरा पालन करने वाली भोपाल की एक संस्था भोपाली गोट फार्म हर साल इस कार्यक्रम का आयोजन करती है.आयोजन करने वाली संस्था का उद्देश्य इस कार्यक्रम के जरिए बकरे-बकरियों का पालन करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना और उन्हें सम्मानित करना है. इस बार के आयोजन का मुख्य आकर्षण टाइटन नाम का बकरा रहा. जिसे पुणे से आए एक व्यापारी ने 7 लाख में खरीदा. 200 किलो वजन का यह बकरा टाइटन कोटा प्रजाति का है. जो सात लाख रुपए में बिका. (Country most expensive goat sold in Bhopal)
बकरों की डाइट और सेहत का रखा जाता है खास ध्यान: कुर्बानी के बकरों को बाजार में लाने से पहले बहुत से लोग महीनों पहले इन बकरों को खरीद लेते हैं. उसके बाद उन्हें खास तरह ही डाइट, ड्रायफ्रूट, घी, मक्खन, हर्बल प्रोडक्ट, खिलाए जाते हैं. जिसके बाद मजबूत कद काठी और मांस से लदे हुए इन बकरों को बाजार में लाया जाता है, ताकि इनकी अच्छी कीमत मिल सके. गोट फॉर्मिग से जुड़े लोगों का कहना है कि बकरे की सेहत का भी पूरा ध्यान रखा जाता है, क्योंकि बीमार बकरों की कुर्बानी नहीं दी जाती. इस कार्यक्रम में भी ज्यादा से ज्यादा वजन वाले बकरे को शामिल किया गया था. इसमें से भोपाल के टाइटन बकरे ने यह खिताब जीता है. इसके अलावा भोपाल का गुंडा और तैमूर लगभग साढ़े 4 लाख की कीमत हासिल कर दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे हैं.
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डाइट में 2 लीटर दूध और 50 ग्राम शुद्ध घी: 7 लाख में बिकेटाइटन को पुणे के रहने वाले माजखान ने खरीदा है, वे इससे पहले भी वे भोपाल से कुर्बानी के लिए बकरे ले जाते रहे हैं. गॉट फार्म के लोगों ने बताया कि टाइटन को तैयार करने में सबसे महत्वपूर्ण थी उसकी डाइट टाइटन की डाइट में डेली दो लीटर दूध, 50 ग्राम शुद्ध घी, देसी चने, मक्का और मक्खन शामिल किया गया है. इसके अलावा टाइटन को स्वस्थ रखने के लिए जड़ी बूटियां भी खिलाई जाती हैं, जिससे कि उसका स्वास्थ्य ठीक रहे और वह सेहतमंद रहे.