देहरादून : हरिद्वार कुंभ मेला 2021 में व्यवस्थाएं दुरुस्त न होने से नाराज और शासन की उपेक्षा झेल रहे बैरागी समुदाय के तीनों अखाड़ों ने शुक्रवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का बहिष्कार कर दिया है. जिससे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में दो फाड़ हो गए हैं. बैरागी अखाड़ों के साधु-संतों ने बैरागी कैम्प में बैठक कर तीनों अखाड़ों पर अनदेखी का आरोप लगाया था.
बैरागी समुदाय के संन्यासी, उदासीन और निर्मल संप्रदाय के तीनों अखाड़ों ने अपने आपको अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से अलग करते हुए परिषद को भंग कर दिया है. बैरागी अखाड़ों के साधु-संतों ने जल्द अखाड़ा परिषद के चुनाव कराने की बात कही है.
श्री पंच निर्मोही अखाड़े के बाबा हठयोगी का कहना है कि आज से अखाड़ा परिषद को भंग समझा जाए. बैरागी संन्यासी, उदासीन और निर्मल चार सम्प्रदाय मिलकर अखाड़ा परिषद बनाते हैं. एक सम्प्रदाय के अलग होने से ही अखाड़ा परिषद भंग हो जाती है.
कुंभ मेले में बैरागियों को धर्म ध्वजा, कैंप लगाने, चरणपादुका के लिए भी अनुमति नहीं दी जा रही है. इस बार कुंभ मेले में बैरागियों की उपेक्षा और तिरस्कार किया जा रहा है. शासन-प्रशासन की नीति के अनुसार, कुंभ मेले में बैरागी साधु-संत आ ही नहीं सकेंगे. उन्होंने कहा कि सुनवाई न होने पर हमने अखाड़ा परिषद को भंग कर दिया है. अखाड़ा परिषद के भंग होने से अगले महीने चुनाव कर नई अखाड़ा परिषद का गठन भी किया जाएगा.
वहीं, बैरागी अखाड़े के साधु संतों का यह भी कहना है कि हमें बड़े दुखी मन से अखाड़ा परिषद को भंग करना पड़ा है. अखाड़ा परिषद एक पंचायती व्यवस्था है जो कि 13 अखाड़े मिलकर बनाते हैं. अखाड़ा परिषद में कोई व्यक्ति विशेष अपनी हठधर्मिता चलाये ऐसा संभव नहीं है.