सरगुजा:bad condition of udaan service in chhattisgarh छत्तीसगढ़ में उड़ान योजना के तहत घरेलू हवाई सेवा शुरू होनी थी. जगदलपुर, बिलासपुर और अम्बिकापुर में यह सेवा शुरू होनी थी. जगदलपुर और बिलासपुर से उड़ान शुरू हो चुकी है लेकिन अम्बिकापुर से हवाई सेवा शुरू नहीं हो सकी. पहले चरण में विमान एजेंसियों के पीछे हटने से काम बिगड़ा तो अब 72 सीटर बड़े विमान के अनुसार एयरपोर्ट को विकसित करने के कारण काम अटका है. एयरपोर्ट निर्माण की गति बेहद धीमी है. कई बार डीजीसीए ने कमियां निकाली और उसे सुधारा गया. लेकिन समय सीमा बीत जाने के बाद भी एयरपोर्ट का निर्माण नहीं हो सका है. ऐसे में शहर के लोग ना जाने कब तक हवाई सेवा से महरूम रहेंगे यह कहा नहीं जा सकता. Air service not started in Surguja
साल 2022 में अंबिकापुर एयरपोर्ट का काम होना था पूरा:मां महामाया एयरपोर्ट के उन्नयन के लिए राजस्थान की कंपनी ने एयरपोर्ट में रनवे की पीसीएन क्षमता बढ़ाने के लिए लेबलिंग का कार्य किया है. एयरपोर्ट में लगभग 43 करोड़ रुपए की लागत से रनवे की पीसीएन क्षमता और लम्बाई बढ़ाने के साथ ही आइसोलेशन वे, एप्रान, रेसा, टैक्सी वे सहित अन्य निर्माण कार्य किए जाने हैं. निर्माण कार्यों को जून 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन वर्ष 2022 खत्म होने वाला है निर्माण अब तक अधूरा है. बड़ी बात यह है कि रनवे पर निर्माण कार्य चलते दिसंबर 2021 से शासकीय व निजी विमान यहां नहीं उतर रहे हैं. निर्माण अवधि तक रनवे को पूर्ण रूप से उड़ान के लिए बंद कर दिया गया है. Airport construction incomplete in Surguja
अंबिकापुर एयरपोर्ट पर सिर्फ 72 सीटर विमान की मिल सकेगी सेवा:दरिमा स्थित मां महामाया एरयपोर्ट में घरेलु उड़ान सेवा शुरू करने के लिए चल रहे प्रयासों के तहत यहां अब 72 सीटर विमान उड़ाने की योजना है. 72 सीटर विमान की सेवा शुरू करने के लिए एयरपोर्ट के रनवे की लम्बाई और क्षमता में उन्नयन करने के साथ ही अन्य निर्माण कार्यों के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था. जिसके बाद शासन से रनवे की लम्बाई और क्षमता बढ़ाने के साथ ही अन्य निर्माण कार्यों के लिए 44 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत करने के साथ ही निर्माण का जिम्मा लोक निर्माण विभाग को दिया था.
रनवे का काम भी नहीं हुआ पूरा:दरिमा स्थित मां महामाया एयरपोर्ट पर पूर्व में 1516 मीटर लम्बे रनवे का निर्माण किया गया था. इसकी पीसीएन क्षमता 12 थी. इस क्षमता के रनवे पर छोटे विमान उतर सकते हैं. घरेलू उड़ान शुरू करने के लिए 72 सीटर विमान की सेवा शुरू होनी है और इसके लिए रनवे की लम्बाई 1800 मीटर करनी है. विभाग द्वारा रनवे की लम्बाई बढ़ाने के साथ ही इसकी क्षमता को भी 25 पीसीएन या उससे अधिक किया जा रहा है. एयरपोर्ट में रनवे की लम्बाई व क्षमता बढ़ाने के साथ ही 1 आइसोलेशन वे, एक एप्रान, 2 टैक्सी वे, रेसा, स्टॉप वे, 2 नग टन पेड का भी निर्माण किया जाना है. इनमें आइसोलेशन वे में प्लेन के खराब होने या किसी अन्य कारणों से रनवे से हटा कर रखा जाता है. इसके साथ ही एप्रान उस स्थान को कहा जाता है जहां प्लेन में पैसेंजर को चढ़ाया या उतारा जाता है. टैक्सी वे रनवे से एप्रान तक जाने का रास्ता होता है. रेसा उस स्थान को कहा जाता है जहां किसी कारण प्लेन के रनवे पर स्किड करने पर उसे रोकने का काम करना है. जबकि स्टॉप पेड का काम भी रनवे से आगे निकले प्लेन को रोकना होता है.
ये कार्य हो चुके हैं पूरे: दरिमा एयरपोर्ट में 22 करोड़ रुपए की लागत से लोक निर्माण विभाग द्वारा 1500 बाई 30 मीटर लम्बे रनवे, 8 किमी लम्बे और 8 मीटर ऊंचे फेंसिंग युक्त दीवार, 30 सीटर पारदर्शी टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी टावर, 6 वॉच टावर, मौसम विभाग के कार्यलय, फायर पिट, एक लाख लीटर क्षमता के वाटर रीजर वायर, शेड निर्माण, सिक्योरिटी रूम, पैरिमेटर रोड, गार्डन, कार पार्किंग सहित अन्य निर्माण कार्य पूर्ण कर लिए गए थे. डीजीसीए के मापदंड के अनुसार सारे निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद भी दरिमा एयरपोर्ट को डीजीसीए से उड़ान की अनुमति नहीं मिल पाई थी और बाद में यह निर्णय लिया गया था कि छोटे विमान के स्थान पर 72 सीटर विमान की सेवा जिले में प्रारम्भ की जाएगी.