कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले पर केंद्र की आलोचना करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि यह राज्य के अधिकारों का 'अतिक्रमण' और देश के संघीय ढांचे पर हमला है.
केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कानून में संशोधन कर इसे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है.
तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र से इसे वापस लेने की मांग करते हुए दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार के साथ विचार-विमर्श किए बगैर यह फैसला किया गया है. तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, 'हम इस फैसले का विरोध करते हैं, यह राज्य के अधिकारों में अतिक्रमण है. राज्य सरकार को सूचित किए बिना बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार करने की तुरंत क्या जरूरत पड़ी. यदि बीएसएफ को कहीं पर तलाशी लेनी है तो वह राज्य पुलिस के साथ मिलकर ऐसा हमेशा ही कर सकता है. वर्षों से यही चलता आ रहा है. यह संघीय ढांचे पर हमला है.'
बीएसएफ का ट्रैक रेकॉर्ड अच्छा नहीं : सौगत रॉय
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत रॉय ने आरोप लगाया कि सीमावर्ती गांवों में मानवाधिकारों को लेकर बीएसएफ का ट्रैक रेकॉर्ड अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा, 'केंद्र और गृह मंत्री अमित शाह राज्यों को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं. सीमावर्ती गांवों में मानवाधिकार के मामले में बीएसएफ का ट्रैक रेकॉर्ड अच्छा नहीं है.'