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ज्योतिष की नजर में जानिए कैसा होगा भारत का नया संसद भवन, स्वामी दिव्यानंद महाराज ने कही यह बात - भवन त्रिकोण आकृति का

नए संसद भवन का उद्घाटन रविवार को होगा. उद्घाटन से पहले नए संसद भवन को लेकर विभिन्न दलों के लोग अपनी बात रख रहे हैं. इन सबके बीच जाने-माने ज्योतिष स्वामी दिव्यानंद महाराज ने नए संसद भवन को शुभ मानते हुए कई तरह का आकलन किया है.

Swami Divyanand Opinion On New Parliament House
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Published : May 27, 2023, 2:30 PM IST

रांचीःनए संसद भवन के उद्घाटन पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. राजनीतिक चर्चाओं के बीच इस नए संसद भवन को लेकर ज्योतिषियों ने भी अपनी-अपनी राय जाहिर की है. प्रख्यात ज्योतिष और धर्माचार्य स्वामी दिव्यानंद महाराज ने ज्योतिषीय दृष्टि से नए संसद भवन को शुभ माना है. उन्होंने कहा है कि 28 मई रविवार के दिन भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन होना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी अत्यंत शुभ है. निश्चित रूप से भारत और शक्तिशाली रूप में उभर कर सामने आएगा. उन्होंने बताया कि विक्रम संवत 2080, ज्येष्ठ मास, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि और पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में संसद भवन के उद्घाटन का सारा कार्यक्रम संपन्न होना बहुत ही शुभ संकेत दे रहा है. 28 तारीख को कई प्रकार के शुभ योग बन रहे हैं. जैसे हर्षण योग, वज्र योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और यायिजय योग इन पांच योगों का संयोग इस दिन की शुभता बढ़ा रहा है.

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अभिजीत मुहूर्त में उद्घाटन देगा शुभ फलः उन्होंने बताया कि मुख्य कार्यक्रम संसद भवन का उद्घाटन दिन के लगभग 12:00 बजे के आसपास होना सुनिश्चित हुआ है. इस समय अभिजीत मुहूर्त है. जैसा कि मान्यता है कि अभिजीत मुहूर्त में किया गया कोई भी कार्य का फल शुभ ही होता है. यदि पंचांग में कोई कमियां रह भी जाती हैं तो स्वतः यह दोष कट जाता है. साथ ही इस समय सिंह लग्न और सिंह राशि चल रही है. सिंह राशि को स्थिर लग्न, सबसे मजबूत और शुभ मुहूर्त माना जाता है. स्थिर लग्न में किया गया अनुष्ठान चिरकाल पर्यंत स्थिरता प्रदान करता है.

त्रिकोण आकार में बना संसद भवन ज्योतिष की नजर मेंः स्वामी दिव्यानंद महाराज के अनुसार ने पुराना संसद भवन गोल आकृति का बना हुआ है, जबकि नया भवन त्रिकोण आकृति का है. ज्योतिष्य दृष्टिकोण से त्रिकोण आकार मंगल का द्योतक है, मंगल ग्रह मंडलों में सेनापति माने गए हैं. यहां पर सेनापति का अर्थ शौर्य और पराक्रम से है. संसद भवन पूरे राष्ट्र का केंद्र होता है. राष्ट्र का केंद्र बिंदु यानी हमारा संसद भवन यदि शौर्य और पराक्रम से लैस होगा, तो निश्चित रूप से राष्ट्र और मजबूत और दूसरों पर भारी पड़ने वाला होगा. इससे साफ जाहिर होता है कि भारत दुनिया में शक्तिशाली देश के रूप में उभर कर आने वाला है.

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