हैदराबाद : भारत में कोविशील्ड के नाम से दी जाने वाली ऐस्ट्राजेनका की बूस्टर डोज ओमीक्रोन वेरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडी को बढ़ाने में कारगर पाई गई है. ब्रिटिश-स्वीडिश दवा निमार्ता द्वारा गुरुवार को प्रकाशित एक नए परीक्षण के अनुसार, एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन की तीसरी डोज शरीर में ओमीक्रोन से लड़ने में कारगर एंटीबॉडीज को बढ़ाने में प्रभावी पाई गई है (AstraZeneca claims third dose booster is effective on omicron).
परीक्षण से पता चला कि तीसरी बूस्टर डोज बीटा, डेल्टा, अल्फा और गामा वेरिएंट के लिए प्रतिरक्षा को भी बढ़ाती है. दोनों के परिणाम पहले ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका, वैक्सजेवरिया, या एक एमआरएनए टीका लगवा चुके व्यक्तियों के बीच देखे गए थे. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन समूह के जांचकर्ता और प्रोफेसर सर एंड्रयू जे पोलार्ड, ने एक बयान में कहा इन महत्वपूर्ण अध्ययनों से पता चलता है कि एक ही टीके की दो प्रारंभिक खुराक के बाद या एमआरएनए या निष्क्रिय टीकों के बाद वैक्सजेवरिया की तीसरी खुराक, कोविड के खिलाफ प्रतिरक्षा को मजबूती से बढ़ाती है.
उन्होंने कहा, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन बूस्टर अपनी आबादी में प्रतिरक्षा बढ़ाने के विकल्प के खोजने वाले देशों के लिए एक विकल्प के रूप में उपयुक्त है, जहां लोगों को पहले ही दो डोज लगाए जा चुके हैं. हाल ही के एक अध्ययन से पता चला है कि एस्ट्राजेनेका के शॉट ने अपनी पहली दो डोज या एमआरएनए-आधारित फाइजर के साथ प्रारंभिक टीकाकरण के बाद बूस्टर के रूप में दिए जाने पर एंटीबॉडी में वृद्धि की.
लेकिन अध्ययन में यह भी पता चला है कि फाइजर और मॉडर्ना की एमआरएनए टीकों ने बूस्टर खुराक के रूप में दिए जाने पर एंटीबॉडी को सबसे बड़ा बढ़ावा (booster is effective on omicron) दिया. एस्ट्राजेनेका में बायोफार्मास्युटिकल्स शोध एवं विकास काय्रक्रम के कार्यकारी उपाध्यक्ष मेने पंगालोस ने कहा, महामारी की गंभीरता और ओमीक्रॉन के लिए वैक्सजेवरिया की बढ़ी हुई प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को देखते हुए, हम बूस्टर के रूप में इसके उपयोग के लिए दुनिया भर में नियामक अनुशंसा के लिए प्रगति जारी रखेंगे.