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मिजोरम की 'जीवनरेखा' प्रभावित, सामान की सप्लाई ठप, कमजोर पड़ी कोविड से लड़ाई

राष्ट्रीय राजमार्ग 306 जिसे मिजोरम की जीवन रेखा के रूप में जाना जाता है, वहां सन्नाटा पसरा है. क्योंकि असम की ओर ट्रक और आवश्यक सामान ले जाने वाले माल वाहक वाहन फंसे हुए हैं. ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की ग्राउंड जीरो रिपोर्ट.

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Published : Aug 2, 2021, 7:35 PM IST

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आइजोल : असम और मिजोरम के बीच हालिया खूनी सीमा संघर्ष ने दोनों राज्यों के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर अपना गंभीर प्रभाव छोड़ा है. राष्ट्रीय राजमार्ग 306 जिसे मिजोरम की जीवन रेखा के रूप में जाना जाता है, वह सुनसान पड़ा है. ट्रक और आवश्यक सामान ले जाने वाले माल वाहन असम की ओर फंसे हुए हैं.

ईटीवी भारत अपने दर्शकों के सामने सच्चाई लाने के मिशन को आगे बढ़ाते हुए आइजोल पहुंचा और वास्तविकता को अपने लेंस में कैद करने की कोशिश की है. सीमा पर संघर्ष के बाद यह राष्ट्रीय राजमार्ग 306 (मिजोरम की जीवन रेखा) का पूरी तरह से सुनसान नजारा है. उस रास्ते से हजारों की संख्या में आवश्यक सामान ले जाने वाले ट्रक आते थे.

मिजोरम की 'जीवनरेखा' प्रभावित

असम की ओर से कई संगठनों द्वारा लगाए गए एक अघोषित आर्थिक नाकेबंदी ने मिजोरम की कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को भी प्रभावित किया है. चूंकि 2 लाख से अधिक एंटीजन टेस्ट किट ले जाने वाले ट्रक सिलचर में फंसे हुए हैं.

यहां यह उल्लेख किया जा सकता है कि मिजोरम पूर्वोत्तर का एक ऐसा राज्य है जहां कोविड-19 के मामलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है. इस तथ्य से अवगत मिजोरम सरकार ने असम के साथ संवाद किया है ताकि नाकाबंदी को वापस लेने के लिए तत्काल कदम उठाए जा सकें.

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उल्लेखनीय है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने सीमा विवाद का शांति और सौहार्दपूर्ण समाधान बनाए रखने का आह्वान किया है.

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