बेंगलुरु : कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेलगावी जिले के एक गांव में एक महिला को निर्वस्त्र घुमाने की घटना को असाधारण मामला बताते हुए नाराजगी जाहिर की और कहा कि इस मामले में सख्ती से निपटा जाएगा. अदालत ने यह सवाल भी किया, 'क्या हम 21वीं सदी में जा रहे हैं या 17वीं सदी में वापस लौट रहे हैं.'
महिला का बेटा 11 दिसंबर की तड़के उस लड़की के साथ भाग गया था जिसकी सगाई किसी और से होने वाली थी. इसके बाद महिला के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई, उसे निर्वस्त्र कर घुमाया गया और बिजली के खंभे से बांध दिया गया. एक खंडपीठ ने बेलगावी के पुलिस आयुक्त और सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को अतिरिक्त रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 18 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया.
महाधिवक्ता ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति कृष्ण एस. दीक्षित की खंडपीठ के समक्ष इस घटना को लेकर की गई कार्रवाई से संबंधित एक ज्ञापन और कुछ दस्तावेज रखे. पीठ ने आदेश दिया, 'कम से कम हम यह कह सकते हैं कि घटना के बाद जिस तरह से चीजें हुईं, उससे हम संतुष्ट नहीं हैं. महाधिवक्ता ने अतिरिक्त रिपोर्ट सौंपने के लिए कुछ समय मांगा है. इसके मद्देनजर महाधिवक्ता को सोमवार को एक अतिरिक्त स्थिति रिपोर्ट रिकॉर्ड पर रखने की अनुमति दी जाती है.' उच्च न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए.