नई दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि एलोपैथी दवाइयों के इस्तेमाल के खिलाफ रामदेव के कथित बयान के संबध में दर्ज प्राथमिकियों के सिलसिले में जांच पर रोक लगाने की योग गुरु की याचिका पर 12 जुलाई को सुनवाई की जायेगी. न्यायालय ने कहा कि उसे उसे उक्त बयान के मूल रिकॉर्ड रविवार की रात को ही मिले हैं. शीर्ष अदालत योग गुरु रामदेव के कोविड-19 के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के बारे में दिए बयानों के मूल रिकॉर्ड पर सोमवार को गौर करने वाली थी.
रामदेव ने मामले में याचिका दायर कर जांच पर रोक लगाने और इस सिलसिले में उनके खिलाफ दर्ज मामलों को दिल्ली स्थानांतरित करने का आग्रह किया है. चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि कल रात 11 बजे हमें फाइलों का एक मोटा बंडल मिला, जिसमें बयानों और वीडियो की प्रतियां थी. चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इस मामले को एक सप्ताह बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर रहे हैं. इससे पहले, रामदेव की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि मामले पर कभी और सुनवाई की जा सकती है.
भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने पटना और रायपुर में कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के इस्तेमाल के खिलाफ दिए गए उनके बयान को लेकर कई प्राथमिकियां दर्ज कराई हैं. इससे पहले, पीठ ने मामले पर रामदेव के कथित बयानों के मूल रिकॉर्ड मांगे थे. रामदेव ने आपराधिक शिकायत रद्द करने के साथ ही अपनी याचिका में पटना तथा रायपुर में दर्ज प्राथमिकी दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध भी किया है.