बेंगलुरुः कर्नाटक कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार से लॉकडाउन से प्रभावित हुए लोगों के लिए एक वित्तीय पैकेज घोषित करने की मांग की. कर्नाटक में प्रमुख विपक्षी दल ने यह भी मांग की कि केंद्र को टीकाकरण का पूरा खर्च वहन करना चाहिए और राज्य सरकार को इस संबंध में दबाव बनाना होगा.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा की हमारी मांग है कि हर परिवार (गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले) को 10,000 रुपये दिए जाएं, उर्वरक की कीमत कम की जाए, जिन्हें नुकसान हुआ है उन सब्जी और फूल उगाने वाले किसानों को मुआवजा दिया जाए. उन कलाकारों एवं अन्य को वित्तीय पैकेज दिया जाना चाहिए जो लॉकडाउन से प्रभावित हुए हैं.
यहां पत्रकारों से उन्होंने कहा कि एक वित्तीय पैकेज दिया जाना चाहिए, बैंकरों की बैठक बुलाई जानी चाहिए और ब्याज माफ किया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं किया जाता तो आत्महत्याएं बढ़ेंगी और वे (सरकार) इसके लिए जिम्मेदार होंगे...अस्पताल के बिल माफ किए जाएं.
उन्होंने टीकाकरण पर कहा कि राज्य का पैसा इस पर क्यों खर्च किया जाना चाहिए? राज्य को उस पर खर्च करना चाहिए जिस पर उसे करना है. केंद्र सरकार को टीके का पूरा खर्च वहन करना चाहिए, यह नीति पूरी दुनिया में है.
उन्होंने पोलियो टीकाकरण का उदाहरण देते हुए कहा कि केंद्र को टीकाकरण की जिम्मेदारी लेनी है, न कि राज्य को... मुझे नहीं पता कि वे इसे राज्य पर क्यों थोप रहे हैं? इनमें से किसी में भी (राज्य सरकार में) बोलने का साहस नहीं है. भाजपा के पच्चीस सांसद राज्य से हैं, भगवान उन्हें बचाये, क्या वे लोगों की खातिर अपनी आवाज उठा रहे हैं?