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जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर PMO में हाईलेवल मीटिंग, ग्राउंड जीरो पर अधिकारियों ने संभाला मोर्चा - meeting of PMO in Joshimath Land subsidence case

जोशीमठ भू-धंसाव मामले (joshimath landslide case) पर सीएम धामी से बात करने के बाद पीएमओ में उच्च स्तरीय बैठक (Meeting in PMO regarding Joshimath landslide) बुलाई गई. इस हाईलेवल मीटिंग में पीएमओ के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव उत्तराखंड ने जोशीमठ से प्रधानमंत्री कार्यालय को जानकारी दी. बैठक में जोशीमठ के हालातों पर विस्तार से चर्चा की गई.

High level meeting of PMO
जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर PMO में हाईलेवल मीटिंग

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Published : Jan 8, 2023, 6:13 PM IST

जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर PMO में हाईलेवल मीटिंग

दिल्ली/देहरादून: उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने (joshimath landslide case) और घरों में दरारें पड़ने की घटनाओं के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक(Meeting in PMO regarding Joshimath landslide) हुई. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ पीके मिश्रा ने यह बैठक बुलाई थी. जिसमें कैबिनेट सचिव राजीव गौबा, गृह सचिव, केन्द्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ इस मामले के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया.

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव उत्तराखंड ने जोशीमठ से प्रधानमंत्री कार्यालय को जानकारी दी. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा को समीक्षा बैठक में अवगत कराया गया कि भारत सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं. एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं.

वरिष्ठ अधिकारी करेंगे दौरा: उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में निर्णय लिया गया कि सीमा प्रबंधन के सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कल उत्तराखंड का दौरा करेंगे और जोशीमठ की स्थिति का आकलन करेंगे. इसके साथ ही राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के विशेषज्ञों की टीम, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान और केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान घटनाक्रम का अध्ययन करने और अध्ययन की सिफारिशें सरकार को देंगे.

बता दें कि, जोशीमठ की जमीन में दरारें बढ़ती जा रही हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव रंजीत सिन्हा के नेतृत्व में आठ सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल ने स्थिति का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट केंद्र और राज्य सरकार को भेज दी है. जोशीमठ के 25 फीसदी इलाके इस भू धंसाव से प्रभावित बताए जा रहे हैं.

अधिकारी पहुंचे जोशीमठ:इसके साथ ही मुख्य सचिव डॉ. सुखवीर सिंह संधू, डीजीपी पुलिस अशोक कुमार और मुख्यमंत्री के सचिव आरके मीनाक्षी सुंदरम ने भी जोशीमठ का दौरा किया. सभी ने भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा तत्काल स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसके लिए स्थानीय प्रशासन लगातार काम कर रहा है. उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि वे किसी भी परिस्थिति में कोई जोखिम न लें. जितनी जल्दी हो सके वहां शिफ्ट हो जाएं.

पढ़ें-जोशीमठ भू धंसाव: पीएम मोदी ने सीएम धामी को किया फोन, हालातों की ली जानकारी, दिया हर संभव मदद का भरोसा

मुख्य सचिव ने कहा देश के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा भू-धंसाव के कारणों का पता लगा रही है. जोशीमठ के लिए जो भी होगा, वह यहां किया जाएगा. सीएम पुष्कर धामी ने हाल ही में जोशीमठ का दौरा किया था और वहां उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया था. जोशीमठ में जमीन धंसने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस मामले में याचिका दाखिल की है. याचिका में मांग की गई है कि प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता दी जाए और उनकी संपत्ति का बीमा करवाया जाए. याचिका में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कई ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों को नष्ट होने की आशंका भी जाहिर की है.

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