मोगा (पंजाब):वारिस पंजाब दे संगठन (waris punjab de organization) की पहली वर्षगांठ पर अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) का संगठन का नेता चुन लिया गया है. इस दौरान गुरुद्वारा खालसा साहिब रोड पर आयोजित एक समारोह में उन्हें पगड़ी पहनाई गई. वहीं अमृतपाल के नेता बनाए जाने के बाद से कई विवाद खड़े हो गए हैं. वारिस पंजाब संगठन के नए नेता अमृतपाल सिंह अपने निजी विचारों और बयानों की वजह से सरकार की नजरों में हैं. वहीं जांच एजेंसियों का कहना है कि अमृतपाल सिंह उग्रवादी हैं और खालिस्तानी समर्थकों को भड़काने का काम भी कर रहे हैं. इस वजह से अमृतपाल को संगठन का नेता बनाए जाने पर लगातार विवाद हो रहा है.
वहीं अक्सर विवादित बयान देने वाले सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि वह अमृतपाल सिंह को नेता बनाए जाने से खुश हैं. उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह को नेता बनाए जाने से सरकार घबराई हुई है क्योंकि युवा अमृतपाल सिंह का बयान सुनाने के लिए जा रहे हैं. मान ने कहा कि अमृतपाल की पगड़ी पर प्रतिबंध कई किसान संगठनों को स्वीकार नहीं है.
मामले को लेकर शिरोमणि कमेटी का स्टैंड : शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी से जब इस मामले को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सिंह सजना और गुरु का अमृत पहनकर सिख बनना कोई बुरी बात नहीं है. उन्होंने खालिस्तानी विचारधारा के बारे में पूछे गए सवाल का स्पष्ट जवाब दिए बिना कहा कि किसी के बयान या जीवन को सेंसर करना सरकार का काम नहीं है और सरकारें खुद तय करेंगी कि अमृतपाल की कोई गलती है या नहीं. धामी ने यह भी कहा कि वह नहीं कह सकते अमृतपाल के राष्ट्रविरोधी एजेंसियों से संबंध हैं या नहीं क्योंकि यह सब सरकारी जांच का हिस्सा है.