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बिहार में शराब पीने वाले अब नहीं जाएंगे जेल, क्या बदल गए हैं नीतीश ?

बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor ban in Bihar) लागू होने के बावजूद भी शराब पीने वाले जेल नहीं जाएंगे. लेकिन इसके लिए उन्हें पुलिस और आबकारी विभाग को सोर्स का नाम बताना होगा. पुलिस और मद्य निषेध को मिले अधिकार के बाद बिहार सरकार शराब माफिया पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. पढ़ें पूरी खबर

Those who drink alcohol in Bihar will no longer go to jail
बिहार में शराब पीने वाले अब नहीं जाएंगे जेल( प्रतीकात्मक फोटो)

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Published : Feb 28, 2022, 5:41 PM IST

Updated : Feb 28, 2022, 6:59 PM IST

पटना: बिहार में शराब पीने वाले अब जेल नहीं जाएंगे. लेकिन इसके लिए उनको शराब माफियाओं की जानकारी देनी (Liquor prohibition law in Bihar) होगी. उनके द्वारा बताया गया सोर्स अगर सही होगा और उनकी जानकारी पर शराब माफिया की गिरफ्तारी हुई तो वो जेल जाने से बच जाएंगे. उत्पाद विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी कृष्ण कुमार सिंह ने ये जानकारी दी है. उन्होंंने बताया कि जेलों में बढ़ती शराबियों की संख्या के मद्देनजर ये बड़ा फैसला लिया गया है. पुलिस और मद्यनिषेध विभाग को नीतीश सरकार ने समीक्षा बैठक के बाद ये अधिकार दिया है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद कहीं ना कहीं राज्य सरकार ऐसा करने पर विवश हुई है. उत्पाद विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी कृष्ण कुमार ने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि अब तक करीब 3 से 4 लाख व्यक्तियों को शराब पीने के आरोप में जेल भेजा गया है. हालांकि, बिहार सरकार जेल जाने के बाद शराब पीने वालों की संख्या का सर्वेक्षण करने वाली है. इसकी घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार शाम को दावा किया था कि बिहार सरकार राज्य में सफलतापूर्वक शराबबंदी लागू करने और इसके लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध है.

बिहार में शराब पीने वाले अब नहीं जाएंगे जेल

इस संबंध में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने 2018 में एक नशामुक्ति सर्वेक्षण किया था कि 1.64 करोड़ लोगों ने शराब का सेवन छोड़ दिया था. चार साल बाद, हम यह जानने के लिए एक और सर्वेक्षण करने जा रहे हैं कि कितने और लोगों ने नशे की लत पर काबू पाया है. इस सर्वे के तहत जेल से छूटने के बाद शराब छोड़ने वालों की गिनती पर अधिकारी ध्यान देंगे. अगर कोई शराब पीकर मर जाता है, तो हम उसके साथ सहानुभूति नहीं रख सकते.

गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. वहीं बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. बिहार में जारी शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग और मद्यनिषेध विभाग ने हाल के दिनों में समीक्षा की थी और इसके बाद विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है.

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शराब माफियाओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए राज्य सरकार ड्रोन, हेलीकॉप्टर, सैटेलाइट फोन, मोटर बोट, घोड़े, डॉग स्क्वायड का इस्तेमाल कर रही है. इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं करने पर बिहार पुलिस की आलोचना हो रही है. शराब माफियाओं के साथ कथित संबंधों को लेकर कई पुलिस कर्मियों और अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया और उनको नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया.

Last Updated : Feb 28, 2022, 6:59 PM IST

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