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कांग्रेस में पंजाब को लेकर चला बैठकों का दौर, जल्द समाधान निकालने को लेकर हुई चर्चा

कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से दिल्ली पार्टी में मैराथन बैठकों का दौर चला और जल्द समाधान निकालने तथा 2022 के विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतरने की जरूरत पर जोर दिया गया. नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री के खिलाफ अपना हमला तेज कर रखा है.

कांग्रेस में पंजाब को लेकर चला बैठकों का दौर
कांग्रेस में पंजाब को लेकर चला बैठकों का दौर

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Published : Jun 23, 2021, 2:44 AM IST

Updated : Jun 23, 2021, 10:00 AM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से दिल्ली पार्टी में मैराथन बैठकों का दौर चला और जल्द समाधान निकालने तथा 2022 के विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतरने की जरूरत पर जोर दिया गया. एक तरफ, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की तीन सदस्यीय समिति के साथ तीन घंटे से अधिक समय तक मंत्रणा की तो दूसरी तरफ पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने आवास पर पंजाब के कई नेताओं के साथ मंथन किया.

इस मामले पर चर्चा के लिए राहुल के आज पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) से मुलाकात कर सकते हैं.

इस पूरी कवायद से अवगत पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि सभी नेताओं की यही राय है कि जल्द समाधान निकाला जाए और चुनाव की तैयारियों में लगा जाए. कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व यही चाहता है कि विधानसभा चुनाव में पूरी पार्टी एकजुट होकर उतरे.

बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए, पंजाब कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने आरोप लगाया कि अब तक राज्य नेतृत्व ने पार्टी सदस्यों द्वारा उठाई गई शिकायतों पर अमल नहीं किया है.परगट सिंह ने कहा कि पार्टी के भीतर कोई समूह नहीं हैं. ये मुद्दे राज्य सरकार से संबंधित हैं, जिन्हें हल करने की आवश्यकता है. यह तभी किया जा सकता है जब हम इस पर काम करना शुरू करेंगे, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं किया गया है.

उन्होंने कैप्टन खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू के हालिया बयानों का भी समर्थन करते हुए कहा कि अगर इन मुद्दों को हल नहीं किया जाएगा तो इस तरह के बयान स्वाभाविक रूप से सामने आएंगे.

दूसरी ओर, कांग्रेस के पूर्व विधायक अश्विनी सेखरी ने भी आज राहुल गांधी से मुलाकात की और पार्टी के भीतर चल रही दरार के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया.

पत्रकारों से बातचीत करते कांग्रेस के पूर्व विधायक अश्विनी सेखरी

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राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में अमरिंदर ने समिति के सदस्यों के साथ लंबी बैठक की. खड़गे इस समिति के प्रमुख हैं. खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं.

समझा जाता है कि इस बैठक में कलह दूर करने के फार्मूले पर विचार करने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतरने की तैयारी पर चर्चा हुई.

उधर, राहुल गांधी के आवास पर प्रदेश कांग्रेस के कई नेताओं ने उनसे मुलाकात कर राज्य में पार्टी की स्थिति को लेकर चर्चा की.

राहुल गांधी से मुलाकात के बाद सांसद रवनीत बिट्टू (Congress MP Ravneet Singh Bittu) ने कहा, इस पूरी कवायद में एक सीधी बात यह है कि 2022 के चुनाव में कैसे जाएं...उम्मीद है कि एक हफ्ते में चीजें ठीक हो जाएंगी.

उन्होंने कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि कांग्रेस में शीर्ष स्तर पर इतनी चर्चा हो रही है. राहुल गांधी ने सोमवार को भी पंजाब के कुछ नेताओं से मुलाकात की थी.

गौरतलब है कि कुछ सप्ताह पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी देखने को मिली थी. इन दिनों सिद्धू एक बार फिर से मुख्यमंत्री को घेर रहे हैं. विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व अमरिंदर सिंह के चेहरे के साथ चुनाव में उतरने का पक्षधर है, हालांकि साथ ही वह सिद्धू को भी साथ लेकर चलना चाहता है.

सूत्रों की मानें तो सिद्धू अब भी सरकार में नेतृत्व परिवर्तन पर जोर दे रहे हैं, लेकिन पार्टी की ओर से उन्हें संगठन में सम्मानजनक स्थान की पेशकश के साथ मनाने का प्रयास किया जा रहा है. माना जा रहा है कि कांग्रेस में पंजाब को लेकर अगले कुछ दिनों तक बैठकों और मुलाकातों का सिलसिला चलेगा.

(एक्स्ट्रा इनपुट-पीटीआई भाषा)

Last Updated : Jun 23, 2021, 10:00 AM IST

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