नई दिल्ली : कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के मकसद से दिल्ली पार्टी में मैराथन बैठकों का दौर चला और जल्द समाधान निकालने तथा 2022 के विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतरने की जरूरत पर जोर दिया गया. एक तरफ, मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस की तीन सदस्यीय समिति के साथ तीन घंटे से अधिक समय तक मंत्रणा की तो दूसरी तरफ पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने आवास पर पंजाब के कई नेताओं के साथ मंथन किया.
इस मामले पर चर्चा के लिए राहुल के आज पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) से मुलाकात कर सकते हैं.
इस पूरी कवायद से अवगत पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि सभी नेताओं की यही राय है कि जल्द समाधान निकाला जाए और चुनाव की तैयारियों में लगा जाए. कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व यही चाहता है कि विधानसभा चुनाव में पूरी पार्टी एकजुट होकर उतरे.
बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए, पंजाब कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने आरोप लगाया कि अब तक राज्य नेतृत्व ने पार्टी सदस्यों द्वारा उठाई गई शिकायतों पर अमल नहीं किया है.परगट सिंह ने कहा कि पार्टी के भीतर कोई समूह नहीं हैं. ये मुद्दे राज्य सरकार से संबंधित हैं, जिन्हें हल करने की आवश्यकता है. यह तभी किया जा सकता है जब हम इस पर काम करना शुरू करेंगे, लेकिन अब तक कुछ भी नहीं किया गया है.
उन्होंने कैप्टन खिलाफ नवजोत सिंह सिद्धू के हालिया बयानों का भी समर्थन करते हुए कहा कि अगर इन मुद्दों को हल नहीं किया जाएगा तो इस तरह के बयान स्वाभाविक रूप से सामने आएंगे.
दूसरी ओर, कांग्रेस के पूर्व विधायक अश्विनी सेखरी ने भी आज राहुल गांधी से मुलाकात की और पार्टी के भीतर चल रही दरार के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया.
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राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में अमरिंदर ने समिति के सदस्यों के साथ लंबी बैठक की. खड़गे इस समिति के प्रमुख हैं. खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं.