दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

महाराष्ट्र : कफन में लिपटी यूं ही छोड़ दी गई लाशों का अंतिम संस्कार कर रहे अंजान लोग

देश में कोरोना कहर बरपा रहा है. संकट के इस वक्त में लोग अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों के अंतिम दर्शन तक नहीं कर रहे हैं. ऐसे वक्त में नागपुर के कुछ लोग हैं जो शवों को अर्थी पर रखा श्मशान घाट ले जा रहे हैं और सामाजिक दायित्व मानते हुए उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

महाराष्ट्र :
महाराष्ट्र :

By

Published : Apr 28, 2021, 4:30 PM IST

नागपुर :कोरोना वायरस से संक्रमित होने के खतरे के कारण इस वक्त जब लोग अपने रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों के अंतिम दर्शन तक नहीं कर रहे हैं, उस वक्त नागपुर के कुछ लोग हैं जो शवों को अर्थी पर रखा श्मशान घाट ले जा रहे हैं और सामाजिक दायित्व मानते हुए उनका अंतिम संस्कार कर रहे हैं.

महाराष्ट्र के अन्य जिलों की ही तरह नागपुर में भी महामारी का प्रकोप बढ़ रहा है और मृतक संख्या बढ़ती जा रही है, ऐसे में, सामान्य तौर पर लोग अंतिम संस्कारों में शामिल होने से बच रहे हैं, यहां तक कि उन मामलों में भी जहां मृतक कोविड-19 के मरीज नहीं हैं.

हालांकि, छोटे परिवारों को इस भय के मनोविकार का दंश झेलना पड़ रहा है जो अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार के लिए लोगों को जुटा पाने में संर्घष कर रहे हैं.

ऐसे समय में, इको फ्रेंडली लिविंग फाउंडेशन (ईईएलएफ) विजय लिमाय ऐसे लोगों की मदद के लिए सामने आए हैं जो प्रियजनों के अंतिम संस्कार के संकट में फंसे हैं.

ईईएलएफ के सदस्य मृतकों की अर्थी उठाकर शवदाह गृह ले जा रहे हैं और अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं.

विजय लमाय ने बताया कि संगठन नागपुर नगर निगम (एनएमसी) के साथ मिलकर पर्यावरण अनुकूल अंतिम संस्कार करने को बढ़ावा देता है जिसके तहत लकड़ियों की बजाय कृषि अपशिष्टों एवं कृषि अवशेषों से चिता बनाई जाती हैं.

यह भी पढ़ें-शर्मसार! : साइकिल पर पत्नी का शव लेकर भटकता रहा बुजुर्ग, नहीं करने दिया अंतिम संस्कार

यह परियोजना वर्तमान में नागपुर के छह श्मशानों में चल रही है.

लिमाय ने बताया कि 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच पर्यावरण अनुकूल तरीके से 5,040 अंतिम संस्कार कर चुके हैं. हालांकि, इस महीने, संगठन ने अब तक 1,350 शवों का अंतिम संस्कार किया है. उन्होंने बताया कि जिन लोगों का अंतिम संस्कार किया गया है उनमें कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोग भी शामिल हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details