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सभी को अपनी सरकार में राय देने का और सम्मान पाने का हक : ब्लिंकन

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secretary of State Antony Blinken) ने बुधवार को कहा कि भारतीय और अमेरिकी मानवीय गरिमा के अलावा अवसरों में समानता, विधि के शासन, धार्मिक स्वतंत्रता सहित मौलिक स्वतंत्रता पर यकीन रखते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में सभी लोगों को राय रखने का हक है चाहे वे जो हों.

एंटनी ब्लिंकन
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Published : Jul 28, 2021, 5:41 PM IST

नई दिल्ली : अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (US Secretary of State Antony Blinken ) ने बुधवार को कहा कि सभी लोगों को उनकी सरकार में राय रखने का हक है और वे चाहे जो हों, उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय और अमेरिकी मानवीय गरिमा, अवसरों में समानता, विधि के शासन, धार्मिक स्वतंत्रता समेत मौलिक स्वतंत्रताओं में यकीन रखते हैं.

यहां पहुंचने के बाद और भारतीय नेतृत्व के साथ बैठकों से पहले अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में नागरिक संस्थाओं के सदस्यों को संबोधित करते हुए, ब्लिंकन ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्धता को साझा करते हैं और कहा कि यह प्रतिबद्धता द्विपक्षीय संबंधों के आधार का एक हिस्सा है.

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि सफल लोकतांत्रिक देशों में 'जीवंत' नागरिक संस्थाएं शामिल होती हैं और कहा कि लोकतंत्रों को, अधिक खुला, ज्यादा समावेशी, ज्यादा लचीला और अधिक समतामूलक बनाने के लिए उनकी जरूरत होती है.

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ब्लिंकन ने कारोबारी सहयोग, शैक्षणिक कार्यक्रम, धार्मिक एवं आध्यात्मिक संबंधों तथा लाखों परिवारों के बीच संबंधों को समूचे संबंध का प्रमुख स्तंभ बताया. उन्होंने कहा, 'संभवत: सबसे अहम है कि हम साझा मूल्यों और साझा आकांक्षाओं से जुड़े हुए हैं जो हमारे लोगों के बीच समान हैं. भारत के लोग और अमेरिका के लोग मानवीय गरिमा, अवसरों में समानता, कानून के शासन, धार्मिक एवं मान्यताओं की स्वतंत्रता समेत मौलिक स्वतंत्रताओं में भरोसा रखते हैं.'

ब्लिंकन ने कहा, 'हम मानते हैं कि सभी लोग अपनी सरकार में आवाज उठाने के हकदार हैं और उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाना चाहिए, चाहे वे कोई भी हों. यह हम जैसे लोकतंत्रों के मौलिक सिद्धांत हैं और हमारा मकसद इन शब्दों को असल अर्थ देना और इन आदर्शों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को लगातार बढ़ाते रहना है.'

(पीटीआई-भाषा)

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