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53 साल बाद नसीरुद्दीन शाह की बेटी का जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदन, कराई जा रही जांच - naseeruddin shah daughter heeba shah

अलीगढ़ में फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अपनी बेटी का जन्म प्रमाण पत्र बनाने का आवेदन किया है. 53 साल बाद आवेदन किए जाने को लेकर नगर निगम असमंजस में है. वहीं, इसको जांच के लिए भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा.

नसीरुद्दीन शाह
नसीरुद्दीन शाह

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Published : Jul 8, 2023, 1:11 PM IST

अलीगढ़: प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने अपनी बेटी हिबा शाह के लिए जन्म प्रमाण पत्र बनाने का आवेदन किया है. जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है. बताया जा रहा है कि 53 साल बाद यह आवेदन किया गया है. आवेदन मुंबई से किसी परिचित अधिकारी के माध्यम से नगर निगम भिजवाया गया है.

हालांकि, इस आवेदन पत्र पर पहले गोपनीय ढंग से जांच की तैयारी थी. लेकिन, फिल्मी कलाकार से जुड़ा यह मामला सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया. नसीरुद्दीन शाह ने 1967 से 70 तक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ाई की थी. हालांकि, नसीरुद्दीन शाह मूल रूप से बाराबंकी के रहने वाले हैं. 2016 में ही उनके बड़े भाई जमीरउद्दीन शाह एएमयू के कुलपति थे. वहीं, 1982 में उन्होंने रत्ना पाठक शाह से शादी की थी. हिबा शाह पहली पत्नी की संतान हैं, जबकि दूसरी पत्नी से दो संतान हैं. शपथ पत्र में ही हिबा की मां के रूप में रत्ना पाठक के नाम का उल्लेख है. हालांकि, लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं कि अब इस उम्र में आकर जन्म प्रमाण पत्र की क्या जरूरत पड़ी.

जन्म प्रमाण पत्र बनाने का मामला फिल्म अभिनेता की बेटी से जुड़ा होने के कारण चर्चा में है. इसको लेकर नगर निगम भी असमंजस में पड़ गया है. जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए नगर निगम में आवेदन किया गया है. इसमें 20 अगस्त 1970 में अलीगढ़ के टीकाराम नर्सिंग होम में जन्म होना दर्शाया गया है. आवेदन पत्र में पता मुंबई का लिखा गया है. वहीं, आवेदन में नसीरुद्दीन शाह का आधार कार्ड और पैन कार्ड भी लगाया है. हालांकि, जब इसकी फाइल उच्चाधिकारियों तक पहुंची तो अधिकारी भी चौक गए. इस पूरे प्रकरण को एसडीएम स्तर से जांच कराने के आदेश दिए हैं. हालांकि, जांच में स्पष्ट होगा कि आवेदन सही है या गलत.

इस मामले में अपर नगर आयुक्त राकेश यादव ने कहा कि नियमावली के मुताबिक, कोई भी जन्म प्रमाण पत्र अगर जन्म के एक वर्ष बाद आवेदन किया जाता है तो उसे जांच के लिए संबंधित तहसील को भेजा जाता है. वहीं, इस प्रमाण पत्र को भी तहसील जांच के लिए भेजा जाएगा. एसडीएम स्तर से जांच कराए जाने के बाद जो रिपोर्ट मिलेगी, उसी रिपोर्ट के अनुसार नियमानुसार प्रमाण पत्र पर निर्णय लिया जाएगा.

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