ढाई करोड़ से ज्यादा बार सीताराम लिखने वाली महिला शशि गौड़ ने बताई अपनी कहानी अलीगढ़: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द हो और उसमें भगवान रामलला विराजमान हों ऐसी कामना हर सनातनी की है. इसके लिए वे अलग-अलग तरह से उपासना भी कर रहे हैं. लेकिन, उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ की एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने जो संकल्प 30 साल पहले लिया था वह अब रंग दिखाने लगा है. महिला 30 साल से रोजाना 'सीताराम' लिख रही हैं.
महिला के किससे मिली प्रेरणाःहर रोज सीताराम लिखने वाली बुजुर्ग महिला शशि गौड़ ने बताया कि उनके गुरु जी राम जन्मभूमि के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास जी महाराज हैं. वे करीब 30 साल पहले अलीगढ़ आए थे और हम उनसे मिले थे. उनकी प्रेरणा से हमने राम मंदिर बनने का संकल्प लेकर सीताराम लिखना शुरू किया. रामलला की स्थापना होगी तो अच्छा लगेगा, इसी प्रेरणा से हमने सीताराम लिखना शुरू किया.
अलीगढ़ की महिला शशि गौड़ की ओर से लिखा गया सीताराम एक कॉपी में कितने आए सीतारामःशशि गौड़ ने बताया कि अब तक 850 कॉपी लिख चुकी हूं और एक कॉपी में 29,312 बार सीताराम लिखती हूं तो एक महीने में तकरीबन 3 कॉपी हो जाती है. अब तक ढाई करोड़ से ऊपर सीताराम लिख चुकी हूं. मुझे बहुत अच्छा लगता है, बहुत खुशी मिलती है, टाइम भी पास होता है राम का नाम भी लिया जाता है बहुत अच्छा लगता है.
क्या कहते थे महंत नृत्य गोपाल दासःमहिला के पति कारोबारी संतीश गौड़ ने बताया कि ये महाराज जी की प्रेरणा से शुरुआत हुई. महंत नृत्य गोपाल दास जी जो राम जन्मभूमि और कृष्ण जन्मभूमि के अध्यक्ष हैं उन्होंने ही प्रेरणा दी कि आप भगवान राम का नाम लीजिए, सब वही पूरा करेंगे. आज उन्हीं की प्रेरणा से राम मंदिर बनने जा रहा है जिसका उद्घाटन 14 जनवरी से लेकर 24 जनवरी 2024 में होना है. सीता राम सीता राम, सीताराम कहिये, जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिये. लगभग 850 पुस्तकें अब तक लिख चुकी है जो ढाई करोड़ से ऊपर होंगी.
अलीगढ़ की महिला शशि गौड़ की ओर से लिखा गया सीताराम अयोध्या के राम मंदिर में रखी जाएंगी पुस्तिकाःहम लोग प्रतिवर्ष 10 दिन के प्रवास के लिए अयोध्या जाते हैं, तो वहां ये कॉपी जमा करके आते हैं. वहां पर इन्हें राम नाम बैंक में जमा किया जाता है. यह भगवान जी के गर्भ ग्रह में रखी जाएंगी. इससे बड़ी और खुशी क्या होगी कि भगवान हमारे आराध्य प्रभु जिनको पूरी दुनिया पहचानती है उनका एक भव्य मंदिर बन रहा है और हम ऐसे काल में पैदा हुए हैं जब हमारे सामने भगवान राम के मंदिर का निर्माण रहा है.
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